रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ मंदिर के दो सौ मीटर के परिधि समेत वैली ब्रिज से मंदिर मार्ग तक किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन व आंदोलन पर रोक लगा दी है. इस संबंध में डीएम ने अपर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को मामले में जरूरी कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं.
उधर, धाम में देवस्थानम बोर्ड और मास्टर प्लान के विरोध में तीर्थपुरोहितों का धरना 48वें दिन भी जारी रहा.कहा कि यदि प्रशासन द्वारा जबरन आंदोलन समाप्त करने का प्रयास किया गया तो वे सामूहिक रूप से आत्मघाती कदम उठाने को बाध्य होंगे. जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि 12 सितंबर को तीर्थपुरोहित समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की गई थी.
इस दौरान रखी गई मांगों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिए जाने के साथ ही देवस्थानम बोर्ड व मास्टर प्लान के बारे में भी जानकारी दी गई थी.
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन व कोविड-19 के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सीमित संख्या में धरना-प्रदर्शन पर प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं हैं, लेकिन देवस्थानम बोर्ड के सीईओ द्वारा जारी आदेश के अनुसार मंदिर के 200 मीटर की परिधि व वैली ब्रिज से मंदिर के मुख्य मार्ग पर किसी भी प्रकार के आंदोलन पर रोक लगाई गई है.
बोर्ड के आदेश के अनुपालन में एडीएम व पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस अधिकारियों की टीम वार्ता के लिए केदारनाथ भेजी गई है.टीम द्वारा तीर्थपुरोहितों से आंदोलन को खत्म करने का आग्रह किया जाएगा.कहा कि शांति व्यवस्था भंग होने की स्थिति में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उधर, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, कुबेरनाथ शुक्ला, रमकांत शर्मा का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी गई है.