कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान देशभर के 400 से ज्यादा डॉक्टरों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(IMA) की ताजा रिपोर्ट पर नजर डालें तो अकेले कोरोना सेकेंड वेव के कारण अब तक 420 डॉक्टरों की मौत हुई है, जिनमें दिल्ली में हुई मौतों की संख्या 100 है.
वहीं, बिहार इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है, जहां अब तक कोरोना की वजह 96 डॉक्टरों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. आईएमए की लिस्ट में 22 राज्यों का नाम दिया गया है. इसके मुताबिक कोरोना से जिन राज्यों में डॉक्टरों की सबसे ज्यादा मौत हुई है, उसमें यूपी का स्थान तीसरा है. उत्तर प्रदेश में इस महामारी की वजह से अब तक 41 डॉक्टरों की मौत हुई है.
कोरोना संक्रमण की वजह से डॉक्टरों की मौत के आंकड़े पर नजर डालें तो महामारी की तस्वीर ज्यादा भयावह नजर आती है. आईएमए की वेबसाइट पर संगठन ने जानकारी दी है कि इस महामारी की वजह से अभी तक कुल 864 डॉक्टरों की मृत्यु हो चुकी है.
कोरोना संक्रमण से लड़ रहे फ्रंटलाइन वॉरियर्स की मौत को लेकर पिछले दिनों आईएमए की बिहार इकाई ने मदद की अपील भी की थी. संगठन की बिहार यूनिट की ओर से बताया गया था कि काम की अधिकता के कारण डॉक्टरों को कोविड ड्यूटी से छुट्टी नहीं मिल पाती, जिसके कारण संक्रमण फैलता है और उनकी मौत हो जाती है.
आईएमए के ताजा आंकड़े और डराने वाले हैं, क्योंकि कुछ दिन पहले जारी की गई लिस्ट में जहां बिहार में सर्वाधिक डॉक्टरों की मौत का जिक्र किया गया था. वहीं अब इस लिस्ट में दिल्ली का नाम सबसे ऊपर आ गया है. हाल के दिनों में दिल्ली में मशहूर डॉक्टर केके अग्रवाल की मौत हुई थी, उससे पहले बिहार के कार्डियक सर्जन डॉ. प्रभात कुमार की मौत हुई, जिसके बाद से यह मामला सुर्खियों में है. राजनीतिक दलों समेत कई सामाजिक संगठनों ने भी कोरोना से लड़ाई के दौरान डॉक्टरों की मौत को लेकर गंभीर चिंता जताई है.
कोरोना की दूसरी लहर की वजह से डॉक्टरों की मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो चिंता पैदा करने वाली तस्वीर सामने आती है. कोरोना संक्रमण से दिल्ली में जहां 100 और बिहार में 96 डॉक्टर अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं गुजरात में यह आंकड़ा 31 है. आईएमए की लिस्ट में यूपी तीसरे और गुजरात चौथे नंबर है, जहां सबसे ज्यादा डॉक्टरों ने जान गंवाई है. इसके बाद आंध्र प्रदेश का नंबर है, जहां अभी तक 26 चिकित्सकों की मृत्यु हो चुकी है.