भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी हवाओं के सक्रिय होने से मानसूनी हवाएं उत्तर भारत में नहीं पहुंच पा रही हैं. विभाग ने मानसून ट्रफ लाइन हिमालय की तलहटी की ओर सरक रही है.
क्या आप ट्रफ लाइन का सिस्टम समझते हैं? असल में बादलों के बीच जब ठंडी और गर्म हवा आपस में मिलती है तो कम दबाव का क्षेत्र बनता है. उस सिस्टम से निकलने वाली पट्टी को ट्रफ लाइन कहते हैं. ये लाइन जिस तरफ से गुजरती है, वहां अचानक ही मौसम में बदलाव हो जाता है, तेज हवा के साथ बारिश होती है. फिलहाल ये हिमालय की ओर सरक गई है, इसलिए इससे बादल बनना बंद हो रहे हैं.
मौसम विभाग के अनुसार मानसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अभी 26° उत्तरी अक्षांश और 70° पूर्वी देशांतर तथा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजर रही है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के बाकी हिस्सों तथा चंडीगढ़ और दिल्ली में अगले 5-6 दिनों तक आगे बढ़ने की संभावना नहीं है. मौसम विभाग ने कहा है कि राज्य में इसी तरह लू चलती रहेगी. पिछले कुछ दिनों में देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि अगले दो दिनों तक उत्तर भारतीय राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लू चलने की संभावना है. दिल्ली में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना भी जताई गई है. आईएमडी ने कहा कि राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में सात जुलाई से पहले मानसून की बारिश होने की कोई संभावना नहीं है.
इसके बाद क्षेत्र में जुलाई के शुरुआती 15 दिनों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया गया है. यानी अभी मानसून की बारिश का आनंद लेने के लिए कुछ दिनों का और इंतजार करना होगा. फिलहाल अभी गर्म हवाओं से बचकर रहें. कुछ दिनों तक बहुत जरूरी हो तभी घर से निकले.