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राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए मोदी सरकार को अभी भी अन्य दलों से करनी पड़ रही है ‘जी हुजूरी’

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पीएम मोदी

पिछले तीन दिनों से केंद्र की भाजपा सरकार एक बार फिर परेशान है. मोदी सरकार की परेशानी का बड़ा कारण राज्यसभा में उसकी स्थिति मजबूत न होना है.

‘पिछले छह वर्षों से राज्यसभा की सीटों का आंकड़ा मोदी सरकार को लगातार परेशान करता रहा है’.

इस समय हम आपसे राज्यसभा की बात इसलिए कर रहे हैं कि मोदी सरकार ‘कृषि विधेयक’ को लोकसभा से पास करा चुकी है, अब उच्च सदन यानी राज्यसभा की बारी है.

उच्च सदन से कृषि बिल पास कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके खास मंत्री सहयोगी और विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क साध रहे हैं.

वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की निम्न सदन यानी लोकसभा में स्थित लगातार मजबूत होती गई.

यही कारण है कि लोकसभा से मोदी सरकार अपने विधेयक तत्काल पास करवा लेती है लेकिन हर बार उसे ‘राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए पसीना आता है’.

सही मायने में ‘भाजपा सरकार को सहयोगी और विपक्षी दलों पर ही निर्भर रहना पड़ता है’. विधेयकों को पास कराने के लिए भाजपा सरकार का राज्यसभा में आकर गणित गड़बड़ा जाता है.

आखिर में यह बिल भाजपा पास तो करा लेती है, लेकिन उसके लिए मोदी सरकार को अन्य दलों से ‘जी हुजूरी’ बहुत करनी पड़ती है.

आइए आपको बताते हैं संसद के उच्च सदन की मौजूदा स्थिति क्या है. राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं, सदन में 86 सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं.

केंद्र की भाजपा सरकार को कृषि बिल को पास कराने के लिए 122 वोटों की जरूरत है. अब भाजपा सरकार को इस बिल को पास कराने के लिए 36 राज्यसभा सांसदों के बहुमत की दरकार है.

ऐसे में यह बिल पास कराना केंद्र सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई है. इन विधेयकों को लेकर एनडीए गठबंधन की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल के विरोध की वजह से सरकार के लिए सदन के अंदर और बाहर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

हालांकि कुछ छोटे दलों ने अपना रुख साफ नहीं किया है. इन पार्टियों के राज्यसभा में करीब दर्जन सांसद हैं. 15 अन्य सांसद पहले से ही सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.

दस सांसद कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से संसद की कार्यवाही में भाग नहींं ले रहे हैं. दूसरी ओर अकाली दल के इस विधेयक पर विरोध के बाद भाजपा सरकार के लिए थोड़ी और चुनौती बढ़ गई है.


शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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