गुरुवार को अफगानिस्तान संकट पर भारत सरकार ने अपनी रणनीति को साफ करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे.
बैठक में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी विपक्षी दलों को दी जाएगी. इसके अलावा अफगानिस्तान में तालिबान राज के बाद भारत सरकार क्या कूटनीतिक कदम उठा रही है, इस पर भी चर्चा होने की संभावना है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि बैठक में अफगानिस्तान में घटनाक्रम के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने आदेश दिया है कि संसद में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को पूरी जानकारी दी जाए.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में आगे की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी देंगे. आपको बता दें कि भारत आज अफगानिस्तान से करीब 180 नागरिकों को मिलिट्री एयरक्राफ्ट से रेस्क्यू करेगा.
जानकारी के लिए आप को इससे पहले अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को बातचीत हुई.
दोनों नेताओं ने भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘अफगानिस्तान के ताजा हालात पर मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से विचारों का उपयोगी और विस्तृत आदान प्रदान हुआ.
हम लोगों ने कोविड-19 के खिलाफ भारत-रूस सहयोग सहित द्विपक्षीय एजेंडे से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. महत्वपूर्ण मुद्दों पर घनिष्ट विमर्श जारी रखने पर दोनों सहमत हुए.’
इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि अफगान नागरिकों को केवल ई-वीजा पर भारत की यात्रा करनी होगी. गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए और ‘आपातकालीन व अन्य वीजा’ की शुरूआत के माध्यम से वीजा प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के मद्देनजर यह फैसला किया गया है कि सभी अफगान नागरिक अब सिर्फ ई-वीजा पर ही भारत की यात्रा कर सकेंगे.’
इससे पहले, केंद्र ने घोषणा की थी कि वह उन लोगों को भारत आने की सुविधा प्रदान करेगा जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं. इसमें अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों को प्राथमिकता दी जाएगी.