कोरोना वायरस महामारी के बीच जनजीवन सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं. 21 सितंबर से जहां राज्यों को कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की छूट दी गई थी. तो, 15 अक्टूबर से सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है.
हालांकि फिलहाल यह छूट केवल नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले इलाकों के लिए दी गई है. स्कूल कब से खोले जाएं, वह तारीख राज्य सरकारें तय करेंगी.
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस खोलने को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं.
इसी के आधार पर राज्यों को अपनी गाइडलाइंस फ्रेम करनी होंगी. स्कूल खोलने का स्टैंटर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर पहले ही जारी किया जा चुका है. जिसमें कोविड से जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया गया था.
आइए जानते हैं नई गाइडलाइंस में क्या है-:
स्कूलों, कोचिंग संस्थानों के लिए क्या हैं गाइडलांइस
राज्य सरकारें स्कूल/कोचिंग मैनेजमेंट से बातचीत के बाद इन शर्तों को ध्यान में रखते हुए फैसला कर सकती हैं:
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा.
अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए.
स्टूडेंट्स केवल पैरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं. उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए.
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे.
जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा.
कॉलेज, उच्च शिक्षा संस्थान खोलने के नियम
कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट कब खुलेंगे, इसपर फैसला उच्च शिक्षा विभाग करेगा. इसके लिए गृह मंत्रालय से भी बात की जाएगी. शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइंस इस प्रकार हैं:
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा
फिलहाल केवल रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे.
इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं. राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं.