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म्यांमार में तख्ता पलट, सेना ने अपने हाथ में ली देश की कमान

आंग सान सू ची
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यांगून| म्यांमार में तख्तापलट हो गया है. असैनिक सरकार और सेना के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सोमवार तड़के राष्ट्रपति विन मिंत, स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और सत्तारूढ़ नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया.

इसके बाद सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी है जो एक साल तक चलेगी. पूर्व जनरल तथा उपराष्‍ट्रपति मिंट स्‍वे को कार्यकारी राष्‍ट्रपति बनाया गया है. उन्‍हें सेना प्रमुख का भी दर्जा दिया गया है. बताया जा रहा है कि किसी भी विरोध को कुचलने के लिए सड़कों पर सेना तैनात है और फोन लाइनों को बंद कर दिया गया है.

भारत ने पड़ोसी देश म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट पर भारत ने गहरी चिंता जताई है. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि म्‍यांमार की घटनाएं चिंताजनक हैं.

भारत ने कहा क‍ि हमने हमेशा ही म्‍यांमार में लोकतांत्रिक बदलाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का समर्थन किया है. भारत ने कहा क‍ि वह घटना पर नजर बनाए हुए है. उधर, ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है.

इस बीच अमेरिका ने म्‍यांमार की सेना के ऐक्‍शन पर गहरी चिंता जताई है. राष्‍ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस की प्रवक्‍ता जेन पास्‍की ने कहा कि अमेरिका उन रिपोर्टों से चिंतित है कि म्‍यांमार की सेना ने देश के लोकतांत्रिक बदलाव को खोखला कर दिया है और आंग सांग सू की को अरेस्‍ट कर लिया है. इस घटना के बारे में राष्‍ट्रपति जो बाइडेन को राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जानकारी दी है

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