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कानूनी पचड़े में फंसा मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण, डोमिनिका कोर्ट ने लगाई रोक

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पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण कानूनी पचड़े में फंस गया है. डोमिनिका की एक कोर्ट ने चोकसी के भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है. एंटीगुआ एवं बाराबुडा से फरार चोकसी को कैरिबियाई देश डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया है. फरार चोकसी साल 2018 से एंटीगुआ में रहता आया है.

कोर्ट ने अपने आदेश में चोकसी को द्विपीय देश से बाहर भेजने पर रोक लगाई है. चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट ने उसे कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है. चोकसी के प्रत्यर्पण पर मौजूदा फैसला कोर्ट के अगले आदेश तक लागू रहेगा. कोर्ट इस मामले की सुनवाई आज फिर शाम छह बजे करेगी.

डोमिनिका में चोकसी की कानूनी टीम मौजूद है. गिरफ्तार के बाद इस टीम ने उस तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन उसे इजाजत नहीं दी गई. इसके बाद चोकसी के वकीलों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की. वकीलों ने गिफ्तार चोकसी को किसी जज या कोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए अर्जी दाखिल की है. पीएनबी घोटाले में आरोपी के वकील अग्रवार ने गुरुवार को चोकसी के एंटीगुआ से फरार होने और उसके डोमिनिका में गिरफ्तार होने पर सवाल उठाए.

चोकसी के वकील वेन मार्श ने एक रेडियो शो की बातचीत में दावा किया कि चोकसी को एंटीगुआ के जॉली हॉर्बर से उठाया गया. उसे वहां से ले जाने वाले लोग भारतीयों की तरह दिख रहे थे. इसके बाद उसे एक जहाज में रखा गया. मार्श का दावा है कि उन्होंने चोकसी के शरीर पर चोट के निशान एवं आंखों के पास सूजन देखी.

भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के मामले ने कैरेबियाई द्वीपीय देशों की सरकारों के लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर दी है. एंटीगुआ और बारबुडा ने अपने पड़ोसी देश डोमिनिका को चोकसी को सीधे भारत भेजने को कहा है, वहीं डोमिनिका उसे एंटीगुआ भेजने पर विचार कर रहा है.

चोकसी पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी मामले में वांछित है. रविवार को एंटीगुआ और बारबुडा से वह रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया. बाद में उसे अवैध तौर पर प्रवेश करने के लिए डोमिनिका में ‘हिरासत’में लिया गया.

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