आज पूरे देश में राजनीतिक दलों के नेताओं की मीटिंग का दौर चला. राजधानी दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की बैठक हुई. वहीं एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की अगुवाई में दिल्ली में पीएम मोदी के खिलाफ नेताओं को एकजुट करने के लिए विपक्ष और राष्ट्र मंच से जुड़े नेताओं को एकजुट करने के लिए ‘मंथन’ हुआ . तीसरी बैठक कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित हुई.
यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला के श्रीनगर स्थित निवास पर ‘गुपकार गठबंधन’ नेताओं के साथ आयोजित की गई. कांग्रेस, एनसीपी और गुपकार नेताओं की हुई मीटिंग में नरेंद्र मोदी ‘फोकस’ में रहे. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके कोरोना की तीसरी लहर को लेकर मोदी को चेतावनी जारी की.
लेकिन आज सबसे ज्यादा जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीएफ की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘चिंताओं’ को बढ़ा दिया. बात को आगे बढ़ाने से पहले हम आपको बता दें कि पीएम मोदी 24 जून को कश्मीर के मसले पर होने वाली बैठक को लेकर कुछ ‘बड़ा’ करने वाले हैं. इसी को लेकर प्रधानमंत्री ने घाटी के नेताओं से बात करने के लिए न्योता भेजा है.
मोदी के साथ गुरुवार को होने वाली अहम बैठक को लेकर फारुक अब्दुल्ला ने आज श्रीनगर में अपने निवास पर गुपकार नेताओं की एक बैठक बुलाई थी. बैठक खत्म होने के बाद महबूबा मुफ्ती जब बाहर निकली तब उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधे तौर पर ‘तनाव’ बढ़ा दिया. ‘मुफ्ती ने कहा कि हमसे जो छीन लिया गया है, हम उसके बारे में बात करेंगे. महबूबा का इशारा अनुच्छेद-370 की तरफ था’.
‘मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान से बात होनी चाहिए, प्रदेश में अगर शांति लानी है तो उसके लिए पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए, शांति बहाली के लिए संवाद ही एक रास्ता है’. बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब महबूबा ने कश्मीर मामले पर पाकिस्तान का राग अलापा हो, वह कई बार पाकिस्तान से बात करने की वकालत कर चुकी हैं. महबूबा के इस बयान के बाद पाकिस्तान को जरूर ‘ठंडक’ मिल गई होगी.
दूसरी ओर गुपकार नेताओं की मीटिंग के बाद ‘फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होंगे, फारुक ने कहा कि हमारा एजेंडा सभी को मालूम है और वही रहेगा’.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार