यूपी विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद दो बड़े बयान दो बड़े दलों की तरफ से आए. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी ने बीएसपी को गठबंधन का ऑफर दिया था. लेकिन कोई जवाब नहीं आया.
दूसरा बयान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आया जिसमें उन्होंने कहा कि वो भी चाहते थे कि 2019 में मायावती जी पीएम बने. अब जब बीएसपी का वोट बीजेपी को गया है तो क्या बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाएगी. अब उनके इस बयान का जवाब मायावती ने अपने अंदाज में दिया.
सपा मुखिया यूपी में मुस्लिम व यादव समाज का पूरा वोट लेकर तथा कई-कई पार्टियों से गठबन्धन करके भी जब अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, तो फिर वो दूसरों का पीएम बनने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं?इसके साथ ही, जो पिछले हुये लोकसभा आमचुनाव में, बी.एस.पी. से गठबन्धन करके भी, यहाँ खुद 5 सीटें ही जीत सके हैं, तो फिर वो बी.एस.पी. की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बन्द करना चाहिये.
साथ ही, मैं आगे सीएम व पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर व उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूँ. अतः अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है.