गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी(बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए उन्होंने सपा से हाथ मिलाया था.
मायावती ने कहा कि सपा द्वारा हमारे सात विधायकों को तोड़ने के हरकत उसे भारी पड़ेगी और हमारी पार्टी राज्यसभा चुनावों के दौरान सपा प्रत्याक्षियों को बुरी तरह शिकस्त देगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, ‘हमने तय किया है कि भविष्य में यूपी में होने वाले एमएलसी चुनाव में सपा उम्मीदवार को हराने के लिए, हम अपनी सारी ताकत लगा देंगे और चाहे हमें अपना वोट भाजपा उम्मीदवार या किसी पार्टी के उम्मीदवार को देना पड़े, हम करेंगे.’
बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘इस बार लोकसभा चुनाव में NDA को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने सपा सरकार में मेरी हत्या करने के षड्यंत्र की घटना को भूलाते हुए देश में संकीर्ण ताकतों को कमजोर करने के लिए सपा के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा था.
चुनाव का नतीजा आने के बाद इनका जो रवैया हमारी पार्टी ने देखा है, उससे हमें ये ही लगा कि केस को वापस लेकर बहुत बड़ी गलती करी और इनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था.’
समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए मायावती ने कहा, ‘सपा के मुखिया गठबंधन होने के पहले दिन से ही एससी मिश्रा जी को ये कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को 2 जून के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, चुनाव के दौरान केस वापस लेना पड़ा. मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश की भी बुरी गति होगी.
इनका एक और दलित विरोधी चेहरा हमें कल राज्यसभा के पर्चों के जांच के दौरान देखने को मिला. जिसमें सफल न होने पर ये ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ की तरह पार्टी जबरदस्ती बीएसपी पर बीजेपी के साथ सांठगांठ करके चुनाव लड़ने का गलत आरोप लगा रही है.’
इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो ने राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले अपने सात विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया है. इन विधायकों में असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर),असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़) शामिल हैं.