मुंबई| एंटीलिया के बाहर जब जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो मिली तो एक बात साफ थी कि मामला छोटा मोटा नहीं है. इस केस की जांड जैसे जैसे आगे बढ़ी तो कई नाम सामने आते गए जो हैरान करने वाले थे.
दरअसल मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड पुलिस से होती है. लेकिन जिस तरह से सीआईयू में तैनात एपीआई सचिन वाझे का नाम सामने आया उसके बाद सनसनीखेज जानकारियां सामने आ रही हैं.
इस केस को समझने से पहले किरदारों के बारे में जानना जरूरी है
परमबीर सिंह, अब डीजी होमगार्ड्स पहले मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे
सचिन वाझे, सीआईयू में एपीआई, अब निलंबित और एनआईए की हिरासत में
अनिल देशमुख- पहले गृहमंत्री, अब सीबीआई कर रही है जांच
मनसुख हिरेन- अब दुनिया में नहीं, इसकी स्कॉर्पियों में जिलेटिन
एनआईए और सीबीआई दोनों एजेंसी कर रही हैं जांच
एंटीलिया केस की जांच एनआईए कर रही है और इसके साथ ही सीबीआई भी जांच में शामिल है. दरअसल परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी जारी की थी जिसमें अनिल देशमुख को वसूली गैंग का सरगना बताया और सचिन वाझे को मोहरा. अनिल देशमुख की जांच के लिए उनकी और एक सामाजिक कार्यकर्ता की तरफ से अपील बांबे हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अपील दायर की गई जिसके बाद कोर्ट ने मुहर लगा दी और उसका असर यह हुआ कि अनिल देशमुख की कुर्सी चली गई.
एनआईए कोर्ट में सीबीआई की अपील
अब इस केस में सीबीआई ने एनआईए कोर्ट में अपील की है कि उसे सचिन वझे और विनायक शिंदे की डायरी दी जाए ताकि वो जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ा सके. बता दें कि हाईकोर्ट ने सीबीआई को अनिल देशमुख की भूमिका के बारे में 15 दिन में प्राथमिक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
सचिन वाझे ने हाल ही में एक खत लिखा जिसमें कहा था कि उस पर पैसे की उगाही के लिए तरह तरह के दबाव बनाए गए. लेकिन उसने दवाब में आने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही उसने एक और मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाया. वझे के मुताबिक अनिल परब भी उस पर वसूली के लिए दबाव बनाते थे.
साभार – टाइम्स नाउ