कोयले की किल्लत: बिजली संकट से कई राज्य बढ़ने लगे अंधेरे की ओर, राज्य सरकारें केंद्र से लगा रहीं गुहार

अगर यही हाल रहा तो हो सकता है आपको भी बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. इसकी वजह है देश में कोयले की किल्लत. जिससे बिजली का उत्पादन घट गया है. भारत के कई राज्य बिजली की कटौती का सामना कर रहे हैं. कई दिनों से देश कोयला संकट की वजह से जूझ रहा है.

लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. देश के कई बिजली केंद्र बंद होने के कगार पर आ गए हैं. दूसरी ओर उत्तर भारत के कई राज्यों में जबरदस्त बिजली कटौती भी शुरू हो गई है. अब राज्य सरकारें केंद्र से गुहार लगा रही हैं. फिलहाल केंद्र सरकार के पास कोई ठोस उपाय नहीं है.

त्योहारी सीजन शुरू हो गया है, इस वजह से देश में बिजली की खपत भी बढ़ गई है. मौजूदा समय में भारत बिजली के संकट से जूझ रहा है. देश में कुल 135 थर्मल पावर प्लांट्स में से 72 के पास कोयले का तीन दिन से भी कम का स्टॉक बचा हुआ है.

जबकि 50 पावर प्लांट ऐसे है जहां कोयले का चार से 10 दिन का स्टॉक बचा है. बता दें कि देश में 70 फीसदी बिजली उत्पादन कोयले के द्वारा ही होता है. अगर ऐसा हुआ तो देश के कई हिस्सों में अंधेरा छा जाएगा और इनमें राजधानी दिल्ली भी शामिल होगी.

झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में बिजली की कटौती होना शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश में कोयले की कमी से रोजा, ऊंचाहार , पारीछा हरदुआगंज, ललितपुर की एक एक इकाई को बंद करना पड़ा है. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, राज्य केंद्र सरकार पर निर्भर हैं और जल्दी इसका निस्तारण किया जाएगा. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि राज्य में बिजली की कमी कोयले की आपूर्ति बाधित होने के चलते हुई है. उन्होंने इसके लिए जनता के सामने खेद जताया.

उन्होंने आश्वासन दिया कि समस्या जल्दी खत्म हो जाएगी. दूसरी ओर राजस्थान में बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा है. राज्य सरकार बिजली खरीद, उत्पादन और वितरण का पूरा प्रबंध नहीं कर सकी. ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य के कई शहरों में 4 से 6 घंटे बिजली कटौती की जा रही है.

ग्रामीण इलाकों में कटौती ज्यादा की जा रही है. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से एसी कम चलाने और बिजली की बचत करने की अपील की है. राज्य के उर्जामंत्री बी डी कल्ला ने केंद्र सरकार से राज्य को कोयले का आवंटित कोटा प्रतिदिन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.

कोयला खदानों में पानी भरने से देश में खड़ा हुआ बिजली संकट
बता दें कि कोयले की किल्लत की एक बड़ी वजह मौसम भी है. देश के कई कोयला खदानों में बारिश का पानी भरने से कोयला उत्पादन ठप हो गया है. इसकी वजह से कोयले का खनन नहीं हो पा रहा है और प्रॉडक्शन को नुकसान हो रहा है.

गौरतलब है कि अपनी ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए भारत को इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से भी कोयले का आयात करना पड़ता है. भारत में कुल आयातित होने वाले कोयले का 70 फीसदी ऑस्ट्रेलिया से आता है. ऐसे ही चीन भी कई दिनों से कोयला संकट से जूझ रहा है. यहां भी बिजली में कटौती करनी पड़ रही है. राजधानी दिल्ली भी बिजली संकट से जूझ रही है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोयला किसी के पास नहीं है.

हमारी पीएम से मांग है कि जल्द से जल्द कोयला दिलाया जाए. दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दिल्ली को जिन प्लांट से बिजली आती है, उनमें एक दिन का स्टॉक बचा है, कोयला बिल्कुल नहीं है. केंद्र सरकार से अपील है कि रेलवे वैगन का इस्तेमाल कर कोयला जल्द पहुंचाया जाए. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है, मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा हूं.

हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की. इसके अलावा झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्य केंद्र की ओर कोयला संकट का समाधान करने के लिए गुहार लगा रहीं हैं.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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