त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री माणिक साहा होंगे. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि माणिक साहा को त्रिपुरा बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने की बहुत-बहुत बधाई.
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा. त्रिपुरा विधायक दल के नेता माणिक साहा ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और पार्टी विधायकों के समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया.
माणिक साहा मार्च 2022 में राज्यों की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए चुने गए थे. माणिक साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे, उन्हें 2020 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. उन्होंने बिप्लब कुमार देब की जगह ली थी. सूत्रों के मुताबिक बिप्लब देब को सांगठनिक कार्य में लगाया जाएगा, वे प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.
इससे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने राज्य में विधानसभा चुनाव से एक साल से भी कम समय पहले आज ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बिप्लब कुमार देब ने 2018 में त्रिपुरा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 25 साल के शासन को समाप्त करते हुए राज्य में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
देब ने मीडिया से कहा कि पार्टी सबसे ऊपर है. मैं बीजेपी का एक वफादार कार्यकर्ता हूं. मुझे उम्मीद है कि मैंने जो जिम्मेदारी दी है, मैंने उसके साथ न्याय किया है. चाहे वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हों या त्रिपुरा के मुख्यमंत्री. मैंने त्रिपुरा के समग्र विकास के लिए काम किया है और राज्य के लोगों के लिए शांति सुनिश्चित किया.
इस्तीफे के बाद देब ने कहा कि एक मुख्यमंत्री होने के नाते, मैंने त्रिपुरा के समग्र विकास और राज्य के लोगों के साथ न्याय करने के लिए काम करने की कोशिश की. अब बीजेपी 2023 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी संगठन को मजबूत करना चाहती है. अगर मजबूत संगठन है, तो पार्टी सत्ता में आएगी. बीजेपी को लंबे समय तक सत्ता में रखने के लिए अगर मेरे जैसा पार्टी का कोई कार्यकर्ता संगठन को मजबूत करने का काम करता है तो यह मददगार होगा.
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को तृणमूल कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले साल चुनाव होंगे. बीजेपी 2018 में राज्य में सीपीएम के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार के 25 साल लंबे शासन को खत्म करके सत्ता में आई थी. इस बार-बीजेपी को तृणमूल कांग्रेस से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसने पिछले साल हुए निकाय चुनावों में तीसरा सबसे बड़ा वोट शेयर हासिल किया था.