तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने इन राजनीतिक दलों को लिखी गई चिट्ठी में केंद्र की मोदी सरकार पर ‘लोकतंत्र खत्म’ करने का आरोप लगाया है. ममता ने पत्र में कहा है कि कि जिस तरह से भाजपा सरकार ने एनसीआर बिल को पास करने की कोशिश की है, इसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक अथॉरिटेरियन पार्टी है. ममता ने कहा कि हर राज्य की आवाज और जो आवाज उससे सामंजस्य न रखे उसे दबा देना चाहती है. मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि गैर-बीजेपी दलों द्वारा शासित राज्यों में केन्द्र राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग कर निर्वाचित सरकारों के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली में उपराज्यपाल को ‘अघोषित वयसराय’ बना दिया है. सीएम दीदी ने कहा कि भाजपा की सरकार सीबीआई, ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का विरोधी दल के नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है. मोदी सरकार के निर्देश पर ईडी ने न केवल तृणमूल कांग्रेस वरन डीएमके सहित अन्य पार्टी के नेताओं के यहां छापेमारी की है.
उन्होंने लिखा है कि अब यह समय आ गया है कि वह विश्वास करती हैं कि प्रजातंत्र और संविधान पर भाजपा के आक्रमण के खिलाफ सभी को एकजुट होकर संग्राम करने की जरूरत है. ममता ने कहा कि ‘मैं समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ लड़ाई करती रहूंगी, विधानसभा चुनाव के बाद एक योजना बनाए जाने की जरूरत है’.
ममता के इस नए सियासी दांव पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मुख्यमंत्री बंगाल चुनाव में हताश और निराश होने के बाद नाटक कर रही हैं.
फिलहाल ममता की लिखी गई चिट्ठी के बाद इन राजनीतिक दलों की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. लेकिन यह सच है कि ममता को चुनाव में इन दलों का समर्थन पहले से ही मिला हुआ है .
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार