नंदीग्राम की हार के बाद भी क्‍या सीएम बनी रहेंगी ममता! जानें क्‍या कहता है नियम

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों में बड़ी जीत हासिल की है. विधानसभा चुनाव में भले ही तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी को पटखनी दी हो लेकिन सूबे की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम से हार का सामना करना पड़ा है.

पश्चिम बंगाल की सबसे हॉट सीट मानी जा रही नंदीग्राम के बारे में जैसा अनुमान लगाया जा रहा था, परिणाम भी वैसा ही दिखाई दिया. शुरुआत में ये स्‍पष्‍ट ही नहीं हो सका कि नंदीग्राम से शुवेंदु अधिकारी की जीत हुई है या फिर ममता बनर्जी ने बाजी मारी है.

बता दें कि न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने पहले ममता बनर्जी ने जीत का दावा किया था, लेकिन रविवार शाम को ममता बनर्जी ने खुद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अपनी हार स्‍वीकार कर ली.

इन सबके बीच तृणमूल कांग्रेस के एक ट्वीट ने नंदीग्राम में जीत-हार को और भी ज्‍यादा भ्रामक बना दिया जब पार्टी की ओर से कहा गया कि अभी मतगणना जारी है. अगर ममता बनर्जी नंदीग्राम से हार चुकी हैं तो ये सवाल उठता है कि क्या ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी रहेंगी? हालांकि चुनावी विश्‍लेषकों का कहना है कि वह निश्चित रूप से एक बार फिर पश्चिम बंगाल की बागडोर अपने हाथ में लेंगी.

अगर बात करें तो भारत के तीन सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, योगी आदित्यनाथ और उद्धव ठाकरे, सभी अपने-अपने राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य हैं जबकि विधान सभा का हिस्सा नहीं है. सीधे शब्दों में कहें तो वे मुख्यमंत्री बनने के लिए विधानसभा चुनाव नहीं जीते हैं. इनमें से बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ही एक ऐसे मुख्‍यमंत्री है जिन्‍होंने 36 साल पहले विधानसभा चुनाव लड़ा था.

बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कभी आम चुनाव नहीं लड़ा है. हालांकि ममता बनर्जी के साथ ऐसा नहीं है क्‍योंकि पश्चिम बंगाल में विधान परिषद नहीं है. हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस तरह के ढांचे को बनाने की बात कही है.

अनुच्छेद 164 कहता है, एक मंत्री जो लगातार छह महीने तक किसी राज्‍य के विधानमंडल का नहीं होता है, वह इस समय सीमा के खत्‍म होने के बाद मंत्री नहीं बन सकता. इसका मतलब है कि ममता बनर्जी के पास सांसद बनने के लिए 6 महीने का समय है. पश्चिम बंगाल में क्‍योंकि विधान परिषद नहीं है ऐसे में ममता बनर्जी को 6 महीने के अंदर किसी खाली सीट से नामांकन दाखिल करना होगा और उप-चुनाव जीतकर सांसद बनना होगा.

इस बीच, रविवार को अपनी हार स्‍वीकार करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मैं नंदीग्राम के फैसले को स्वीकार करती हूं. मैं संवैधानिक पीठ के पास जाऊंगी. उन्‍होंने कहा इस बार के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने एक शानदार जीत हासिल की है और बीजेपी चुनाव हार गई है. ममता ने कहा, बीजेपी ने गंदी राजनीति की, चुनाव आयोग को लक्ष्मण रेखा को जरूरत है.




मुख्य समाचार

“भारत जो रुकेगा नहीं, थमेगा नहीं”: विकसित भारत के लिए पीएम मोदी का बड़ा संकल्प

​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 'राइजिंग भारत...

भारत पर डोनाल्ड ट्रंप के 26% टैरिफ लागू, व्यापार पर पड़ सकता है बड़ा असर

​अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 26% आयात शुल्क...

ताइवान के पूर्वोत्तर हिस्से में 5.0 तीव्रता का भूकंप, कोई नुकसान नहीं रिपोर्ट

​ताइवान के पूर्वोत्तर यिलान काउंटी में बुधवार सुबह 9...

ट्रंप की दवा आयात पर टैरिफ चेतावनी से भारतीय फार्मा शेयरों में भारी गिरावट

​अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दवा आयात पर "बड़े"...

विज्ञापन

Topics

More

    भारत पर डोनाल्ड ट्रंप के 26% टैरिफ लागू, व्यापार पर पड़ सकता है बड़ा असर

    ​अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 26% आयात शुल्क...

    ट्रंप की दवा आयात पर टैरिफ चेतावनी से भारतीय फार्मा शेयरों में भारी गिरावट

    ​अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दवा आयात पर "बड़े"...

    चीन पर अमेरिका का बड़ा शुल्क वार, बुधवार से 104% टैरिफ लागू

    ​अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने बुधवार, 9...

    काठमांडू में राजशाही समर्थन में प्रदर्शन, नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग

    ​नेपाल की राजधानी काठमांडू में मंगलवार को राष्ट्रवादी प्रजातंत्र...

    डोमिनिकन गणराज्य में नाइटक्लब की छत गिरने से 79 की मौत, 160 से अधिक घायल

    ​डोमिनिकन गणराज्य की राजधानी सैंटो डोमिंगो में स्थित प्रतिष्ठित...

    Related Articles