बंगाल विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने अपना सभी कुछ दांव पर लगा रखा है. बंगाल जीतने के लिए दोनों पार्टियां कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती हैं. ‘ममता बनर्जी जानती हैं कि वह इस विधानसभा चुनाव में अगर सत्ता में वापस नहीं कर पाती हैं तो उनका पूरा राजनीतिक करियर सबसे खराब दौर में पहुंच जाएगी’.
वहीं भाजपा अगर बंगाल की सत्ता में नहीं आ पाई तो उसकी तीन साल की पूरी मेहनत बेकार जाएगी. यही नहीं ‘पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की राजनीति पर भी सवाल उठेंगे’. एक अकेली महिला (ममता) को घेरने के लिए भाजपा ने अब तक की अपनी सबसे जबरदस्त रणनीति तैयार की है. लेकिन दीदी भी अकेले डटकर विधानसभा चुनाव मैदान में सभी हथकंडे अपना रही हैं.
पहले बंगाल की जनता को ‘व्हीलचेयर’ पर प्रचार करके जज्बाती बनाया. व्हीलचेयर पर सवार टीएमसी चीफ ममता ने राज्य में अपने लिए अच्छी खासी लहर पैदा कर दी. उसके बाद मंगलवार को दीदी ने एक और सियासी स्ट्रोक चलते हुए अपना ‘गोत्र’ (शांडिल्य) बताकर भाजपा की परेशानी बढ़ा दी. अब बुधवार को ममता ने बंगाल विधानसभा के दूसरे चरण से पहले भाजपा के विरोधी दलों को एकजुट करने के लिए लंबी-चौड़ी चिट्ठी भी लिख डाली है.
चुनाव के बीच लिखी गई दीदी की इस चिट्ठी ने भाजपा की तैयारियों को कुछ पीछेेेेे कर दिया है. आइए हम आपको बताते हैं टीएमसी प्रमुख ने इस चिट्ठी में क्या लिखा है. चिट्ठी में ‘ममता ने लिखा है कि लोकतंत्र और संविधान विरोधी भाजपा के खिलाफ लड़ाई में सभी दलों को साथ आना होगा’.
दीदी ने (कांग्रेस सोनिया गांधी) (एनसीपी शरद पवार) (डीएमके एम के स्टालिन) ( राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव) (शिवसेना उद्धव ठाकरे ) (आम आदमी पार्टी,अरविंद केजरीवाल) (बीजू जनता दल’ नवीन पटनायक) और (वाईएसआर कांग्रेस, जगन रेड्डी) को चिट्ठी लिखी है.
ममता ने चिट्ठी में लिखा है कि ‘मैं ये चिट्ठी उन सभी पार्टियों को लिख रही हूं, जो भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ हैं’. इसके अलावा ममता ने केएस रेड्डी, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और दीपांकर भट्टाचार्य को भी पत्र लिखा है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार