अहमदाबाद| गोधरा पुलिस ने 2002 में गोधरा साबरमती एक्सप्रेस नरसंहार मामले के मुख्य आरोपी रफीक भटुक को 19 साल बाद गिरफ्तार कर लिया. रफीक भटुक कई सालों से फरार चल रहा था और जब वह लंबे समय तक बाहर रहने के बाद लौटा तो उसे गोधरा से ही पकड़ा गया.
पंचमहल पुलिस और गोधरा शहर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने शहर के सिग्नल फालिया इलाके में एक घर पर छापा मारा और भाटुक को गिरफ्तार किया. वह रोजी-रोटी के लिए फल बेचता था.
भटुक पर आरोप है कि उसने अन्य मुख्य आरोपियों के साथ साबरमती एक्सप्रेस के एस -6 कोच को जलाने के लिए पेट्रोल का इंतजाम कर कोच पर आग लगाने के लिए छिड़का था. इस घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 रामसेवक मारे गए थे जिसके बाद राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.
मामले में आरोपी के रूप में नाम आने के बाद भटुक फरार हो गया था. भाग जाने पर, वह दिल्ली और अन्य स्थानों पर चला गया था. वह पहले गोधरा के मोहम्मदी मोहल्ले में रहता था लेकिन बाद में सिग्नल फालिया इलाके में रहने लगा.
27 फरवरी 2002 को हुए गोधरा कांड में 59 कारसेवक मारे गए थे, जिसके बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. भटुक ही वह मुख्य आरोपी था जिसने कारसेवकों के कोच पर पथराव करने से लेकर भीड़ को उकसाने का काम किया था और बाद में पेट्रोल का इंतजाम कर कोच पर छिड़क दी जिसके बाद अन्य आरोपियों ने कोच में आग लगा दी थी.’
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भटुक 2002 में गोधरा केस से पहले गोधरा रेलवे स्टेशन पर मजदूरी करता था. रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन प्रमुख आरोपी अभी भी गिरफ्तार होने बाकी हैं. इनमें सलीम पानवाला और शौकत चरखा शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वो पाकिस्तान में रह रहे हैं और उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है.