मुंबई को हादसों का शहर कहा जाता है. यहां हर रोज कोई न कोई हादसा होता है. लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो इस सपनों के शहर मुंबई से निकलकर देशभर की सुर्खियों में बन जाते हैं. लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी भी होती हैं जो ‘सियासी रूप’ ले लेती हैं. आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं वह घटना वाकई बहुत ‘बड़ी’ है. जिस पर ‘सियासी भूचाल’ मचा हुआ है. बात को आगे बढ़ाने से पहले बता दें कि यह एक ऐसी रची हुई कहानी है, जिसमें रोमांच, सस्पेंस, थ्रिलर, मर्डर, वसूली, भरपूर सियासी ड्रामा के साथ सरकार और पुलिस की संलिप्तता की दास्तान है.
अब इस केस की परत दर परत खुलती जा रही है. मुंबई महाराष्ट्र निकलकर दिल्ली तक राजनीति गरमाई हुई है. अभी तक ऐसी घटनाएं आपने फिल्मों में ही सुनी और देखी होगी. इसके लिए हम आपको 24 दिन पहले लिए चलते हैं. जी हां वह तारीख थी पिछले महीने की 26 फरवरी. आज बात करेंगे देश ही नहीं बल्कि दुनिया के रईसों में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी की . मुकेश अंबानी का घर का नाम है ‘एंटीलिया’. यह बिल्डिंग भारत में सबसे महंगी इमारतों में शुमार है. यहां 26 फरवरी को एक संदिग्ध हालत में खड़ी स्कॉर्पियो मिलने से हड़कंप मच गया था.
स्कॉर्पियो गाड़ी के अंदर विस्फोटक पदार्थ ‘जिलेटिन’ की 20 छड़ें बरामद हुई थीं. मामला मुकेश अंबानी के घर से जुड़ा हुआ था तो ऐसे में आनन-फानन में मुंबई पुलिस समेत एटीएस और क्राइम ब्रांच की टीम ने पहुंच कर पूरे मामले की जांच-पड़ताल की. कुछ देर बाद ही यह मामला देश के मीडिया में सुर्खियों में बनना शुरू हो गया. जब इसकी चिंगारी महाराष्ट्र के ‘गृहमंत्री और एनसीपी के नेता अनिल देशमुख तक पहुंची तो उन्होंने दूसरे दिन बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बयान दिया था कि मुकेश अंबानी के घर के कुछ दूरी पर स्कॉर्पियो गाड़ी मिली है, उसमें जिलेटिन की छड़ी पाई गई है.
इसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है. गृहमंत्री देशमुख ने आगे कहा कि जो भी असलियत है, जल्द से जल्द सामने आएगी’. गृहमंत्री देशमुख जब यह बयान दे रहे थे तब उन्हें पूरे मामले की जानकारी थी बल्कि उसमें वे लिप्त भी थे. लेकिन तब किसी ने सोचा नहीं होगा आगे चलकर गृहमंत्री अनिल देशमुख भी ‘कटघरे’ में खड़े हो जाएंगे. महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे की सरकार ने इस मामले की जांच एटीएस और क्राइम ब्रांच को सौंप दी. उसके बाद एंटीलिया के खड़ी बाहर गाड़ी की जांच आगे बढ़ती गई. पहले तो इस घटना का आतंकी रूप देने की भी कोशिश की गई थी. कुछ दिनों बाद ही गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई और उसकी लाश मुंबई से कुछ किलोमीटर दूर ठाणे जिले में मिली थी.
मनसुख हिरेन की पत्नी ने हत्या के पीछे मुंबई क्राइम ब्रांच के एएसआई असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सचिन वाजे की भूमिका होने का आरोप लगाया. यहां हम आपको बता दें कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली गाड़ी का मुख्य आरोपी सचिन वाजे ही है. मामला आगे बढ़ने पर उद्धव सरकार ने वाजे को सस्पेंड कर दिया.बाद में 13 मार्च को वाजे को गिरफ्तार कर लिया. सचिन वाजे से लगातार पूछताछ होती रही. अब उसे 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि यह आरोपी सचिन वाजे मुंबई पुलिस में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ माना जाता है.
यही नहीं महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार इस पर बहुत भरोसा करती रही है. वाजे अपने सीनियर अफसरों को कई मामलों की सीधे रिपोर्ट न करके गृहमत्री अनिल देशमुख को जानकारी मुहैया कराता था. सही मायने में यह वही पुलिस विभाग का एक ऐसा ‘मोहरा’ था जो महाराष्ट्र सरकार के लिए भारी भरकम वसूली किया करता था. सचिन की सीधी पहुंच उद्धव सरकार तक थी. वाजे का रसूख इतना बढ़ गया कि जूनियर पद पर रहने के बावजूद भी महाराष्ट्र सरकार ने उसे ‘मुंबई क्राइम ब्रांच की सीआईयू का हेड’ बना दिया. यानी सभी बड़े मामलों की जांच उसी के पास से होकर जाती थी. सचिन 20 वर्षों से शिवसेना से जुड़ा था.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार