हिंदुत्व के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच एक बार फिर तलवारें खिंच गई हैं. दोनों पार्टियों में हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर आमने-सामने आ गए हैं.
अब बात करेंगे उद्धव ठाकरे सरकार की. पिछले वर्ष नवंबर में जब से उद्धव ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ राज्य में सरकार बनाई थी तब से ही भाजपा उद्धव को हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरने में जुटी हुई है.
भले ही शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन करके सरकार बना ली हो लेकिन अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर वह आज भी भाजपा को ललकारती है.
लेकिन आज महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को लेकर घेरा. राज्यपाल ने उद्धव को महाराष्ट्र में अभी तक मंदिरों को न खोले जाने पर सवाल खड़े किए.
सही मायने में कोश्यारी ने भाजपा की भाषा बोलते हुए महाराष्ट्र सरकार को हिंदुत्व के मामले में कटघरे में खड़ा कर दिया. मामला इस प्रकार है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव को लिखी चिट्ठी में कहा कि आपने एक जून को ‘मिशन बिगेन अगेन’ की शुरुआत की थी.
लेकिन अब उसे चार महीने हो गए हैं और अभी तक धार्मिक स्थल नहीं खुले हैं. राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में भी धार्मिक स्थल खुले हैं, जबकि वहां पर कोरोना के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं.
कोश्यारी ने चिट्ठी में लिखा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी-देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं, उसके बावजूद पीछे क्यों हट रहे हैं.
इसके जवाब में सीएम उद्धव ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें आप और भाजपा से हिंदुत्व विचारधारा का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, सीएम उद्धव ने कहा कि भाजपा के लोग महाराष्ट्र की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से करते हैं तब उनकी हिंदू विचारधारा कहां चली जाती है. ठाकरे ने कहा कि सिर्फ मंदिर खुलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होता है.
राज्य में मंदिर न खोले जाने पर भाजपाइयों ने उद्धव सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उद्धव ठाकरे पर निशाना साधने के बाद भाजपा कार्यकर्ता मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए. मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर भाजपाइयों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
कार्यकर्ताओं ने राज्य में पूजा स्थल खोलने की मांग की, इस दौरान कुछ कार्यकर्ता मंदिर में घुसने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. मुंबई में प्रदर्शन के अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिरडी में भी राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
इसके अलावा पुणे में भी सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ मंदिर न खोले जाने पर सड़क पर आकर नारेबाजी की.
बीजेपी नेताओं का कहना है कि राज्य में शराब की दुकानें खुल गई हैं, लेकिन मंदिर सात महीने से बंद है, ऐसे में सभी संतों की मांग है कि उद्धव सरकार राज्य में मंदिर खोले.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र देश का वो राज्य है, जो कोरोना संकट के कारण सबसे अधिक प्रभावित है. राज्य में अभी लॉकडाउन के तहत कुछ ही क्षेत्रों में छूट दी गई है. हालांकि अभी किसी बड़े कार्यक्रम की इजाजत नहीं है और धार्मिक स्थलों को नहीं खोला गया है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार