बचपन से ही मधुबाला अभिनेत्री बनना चाहती थी, वो घंटों आइने के सामने खड़ी होकर एक्टिंग किया करती थीं. मधुबाला ने अपना फिल्मी सफर बसंत (1942) में ‘बेबी मुमताज’ के नाम से शुरू किया था.
उस दौर की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्री देविका रानी ‘बसंत‘ में उनके अभिनय से प्रभावित हुईं, इसके बाद उनका नाम मुमताज से ‘मधुबाला’ रख दिया. इसके बाद 1947 में केदार शर्मा की फिल्म ‘नील कमल’ से उन्हें मुख्य अभिनेत्री की भूमिका मिली और फिर चल पड़ा फिल्मी सफर.
मधुबाला ने अशोक कुमार, रहमान, दिलीप कुमार, देवानंद जैसे कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम कर 70 से ज्यादा फिल्मो में अभिनय किया, इनमे से फागुन, हावरा ब्रिज, काला पानी और चलती का नाम गाडी, मुगले-ए-आजम कुछ ऐसी फिल्में हैं, जिनमे उनके अभिनय की काफी सरहाना की गई और ये फिल्में सुपरहिट हुई.
अभिनेत्री मधुबाला का कई डायरेक्टर और एक्टर के साथ नाम जुड़ा. बता दें कि मधुबाला जिसकी एक मुस्कान लाखों प्रशंसकों के चेहरे पर मुस्कान ला देती थी. उस दौर में मधुबाला को देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ लगी रहती थी.
1950 के दौर में मधुबाला बॉलीवुड पर राज कर रही थीं, यही नहीं हॉलीवुड के कई डायरेक्टर मधुबाला को अपनी फिल्मों में लेना चाहते थे, लेकिन उनके पिता ने इनकार कर दिया था.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार