भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में भारत का दूसरा मेडल पक्का कर दिया है. वे वेल्टरवेट कैटेगरी (64-69 किग्रा) के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं. इसके साथ उनका कम से कम ब्रॉन्ज मेडल पक्का हो गया है. वे पहली बार ओलंपिक में उतर रही हैं.
क्वार्टर फाइनल के मुकाबले में लवलीना ने चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से हराया. पहले राउंड में उन्हें बाई मिली थी, जबकि राउंड-16 के मुकाबले में उन्होंने जर्मनी की 35 साल की मुक्केबाज नेदिने एपेट्ज को 3-2 से हराया था. इससे पहले महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता है.
लवलीना बोरगोहेन विश्व चैंपियनशिप में दो और एशियाई चैंपियनशिप में एक बार की कांस्य पदक विजेता हैं. लवलीना से पहले महिला बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने 2012 लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. ओलंपिक इतिहास में सिर्फ दो महिला बॉक्सर ही मेडल जीत सकी हैं.
वहीं पुरुष कैटेगरी में 2008 बीजिंग ओलंपिक में विजेंदर सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. लवलीना सेमीफाइनल में तुर्की की एना लाइसेंको से भिड़ेंगी. 25 साल लाइसेंको 2019 की वर्ल्ड चैंपियन हैं.
असम की 23 साल लवलीना बोरगोहेन के अलावा महिला बॉक्सर पूजा रानी भी अभी मेडल की रेस में बनी हुई हैं. वे 31 जुलाई को क्वार्टर फाइनल में चीन की कियान ली से भिड़ेंगी. वहीं एमसी मैरीकॉम और सिमरनजीत कौर राउंड-16 में हारकर बाहर हो गई हैं. भारत की 4 महिला खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था.
भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ( 60 किलो ) ओलंपिक खेलों में पदार्पण के साथ ही प्री क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंदी से हारकर बाहर हो गई.
चौथी वरीयता प्राप्त सिमरनजीत को 0-5 से पराजय का सामना करना पड़ा. पहले दौर में प्रभावी प्रदर्शन करते हुए उसने प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाने की कोशिश की और अच्छे जवाबी हमले बोले. जजों ने हालांकि सर्वसम्मति से थाई मुक्केबाज के पक्ष में फैसला दिया जिससे दूसरे दौर में सिमरनजीत के प्रदर्शन पर असर पड़ा.