उत्तराखंड में सबसे पहले चरण यानी 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. करीब 25 दिन बाकी रह गए हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की अभी तक प्रत्याशियों की पहली लिस्ट भी जारी नहीं हो सकी है.
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में पहली बार चुनाव में किस्मत आजमाने उतरी आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशियों की तीन लिस्ट जारी कर दी है. जिसमें पार्टी ने 51 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है. लेकिन भाजपा और कांग्रेस के बीच ‘पहले आप पहले आप’ की सियासी प्रतियोगिता चल रही है.
देवभूमि की जनता रोज सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष कांग्रेस के प्रत्याशियों को लेकर आस लगाए हुए रहती है. लेकिन उसे यही सूचना मिलती है अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा.
सही मायने में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के रणनीतिकार और आलाकमान इतने उलझे हुए हैं कि अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम भी सार्वजनिक नहीं कर पा रहे हैं. अब उत्तराखंड की जनता भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों का नाम जानने के लिए उत्सुक है.
लेकिन अभी दोनों पार्टियों ने अपने-अपने कैंडिडेट के नाम उजागर नहीं किए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि दोनों दलों में फूट होने का डर सता रहा है. कांग्रेस चाहती है कि पहले भाजपा अपने नामों का एलान करें तो भाजपा भी चाहती है पहले कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करें.
अभी कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बयान दिया था कि हम भाजपा की जारी होने वाली प्रत्याशियों की लिस्ट पर निगाह लगाए हुए हैं.