नई दिल्ली| किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ी टिप्पणी की है. खाद्य, रेलवे और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहीं अधिक मुखरता से आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे कुछ माओवादी और वामपंथी तत्वों ने आंदोलन का नियंत्रण संभाल लिया है और किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने की जगह कुछ और एजेंडा चला रहे हैं. इससे पहले सरकार ने कहा था कि किसान आंदोलनकारी अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने देने के लिए सतर्क रहें.
पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘देश की जनता देख रही है, उसे पता है कि क्या चल रहा है, समझ रही है कि कैसे पूरे देश में वामपंथियों/माओवादियों को कोई समर्थन नहीं मिलने के बाद वे किसान आंदोलन को हाईजैक करके इस मंच का इस्तेमाल अपने एजेंडे के लिए करना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि ये कानून सभी किसानों को बेहद फायदा पहुंचने वाला है इससे पहले इसी पृष्ठभूमि में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ये ‘असामाजिक तत्व’ किसानों का वेश धारण कर उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं.
देखे गए थे पोस्टर
दरअसल किसान आंदोलन के बीच हाल में एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी जिसमें किसानों के एक समूह ने दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और यलगार परिषद के एक्टिविस्टों के पोस्टर हाथ में लेकर उनकी रिहाई की मांग की थी. जैसे ही यह तस्वीर वायरल हुई तो किसान आंदोलन पर ही सवाल उठने लगे. केंद्र सरकार लगातार किसानों को बातचीत की पेशकश कर रही है लेकिन संगठन तीनों बिलों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.