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कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन, लोगों ने पूछा क्या हिंदू होना गुनाह है!

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कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गया. उनकी अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. सभी की आंखें नम और इस हत्या के खिलाफ आक्रोश था.

राहुल को अंतिम विदाई देते समय लोगों ने नारा लगाया ‘राहुल भट्ट अमर रहें.’ अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने पूछा कि राहुल की छोटी बच्ची और उसकी पत्नी का क्या कसूर था कि एक से उसका पिता और दूसरे से उसका पति छीन लिया गया. लोग पूछ रहे हैं कि क्या हिंदू होना गुनाह है?

बता दें कि बड़गाम जिले में आतंकियों ने गुरुवार को कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी. तहसीलदार कार्यालय में काम करने वाले राहुल को उस समय गोली मार दी गई जब वह चदूरा इलाके में अपने कार्यालय में काम कर रहे थे. राहुल तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे. आतंकवादियों ने चदूरा में तहसील कार्यालय में घुसकर राहुल भट्ट को गोली मारी. कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हिंसा की इस साल की यह तीसरी घटना है.

जाहिर तौर पर आतंकवादी घाटा का माहौल एक बार फिर बिगाड़ना चाहते हैं. सरकार कश्मीरी पंडितों दोबारा घाटी में बसाना चाहती है. इसके लिए प्राइम मिनिस्टर रिहैबलिटेशन पैकेज की व्यवस्था की गई. इसी पैकेज के तहत 2010 में राहुल की राजस्व विभाग में नौकरी लगी थी.

सरकार चाहती है कि नौकरी करने के लिए कश्मीरी पंडित घाटी में वापस आएं. जाहिर है कि कश्मीरी पंडितों के साथ उनका परिवार भी आएगा और धीरे-धीरे माहौल सुधरेगा. भारत विरोधी ताकतें नहीं चाहतीं कि कश्मीरी पंडित वापस कश्मीर में आएं.

राहुल (30) की हत्या के बाद कश्मीर में कश्मीरी पंडित आक्रोशित हैं. रिपोर्टों के मुताबिक इस हत्या के खिलाफ काजीगुंड, पुलवामा, बडगाम, गांदेबल एवं बारामूला में विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि कश्मीरी पंड़ितों की हत्याओं पर लगाम नहीं लगा तो वे सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे.

लोगों ने सुरक्षा की मांग करते हुए नारे लगाए. वहीं, भाजपा सहित पीडीपी, एनसी ने इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है. इस हमले के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों ने इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया.

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