देहरादून| जुलाई, 2019 में भाजपा से निष्कासित किए गए खानपुर से विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की आखिरकार 13 महीने बाद भाजपा में वापसी हो गई. सोमवार को भाजपा के अध्यक्ष बंशीधर भगत के आवास पर चैंपियन की समारोहपूर्वक वापसी की गई.
इस दौरान चैंपियन के साथ हरिद्वार से जिला पंचायत सदस्य उनकी पत्नी देवयानी भी मौजूद थीं. रविवार को पार्टी की कोर ग्रुप मीटिंग में एक तरह से चैंपियन की घर वापसी पर मोहर लग गई थी. इस मौके पर भगत ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की नाराज़गी की चर्चाओं की पुष्टि भी की और उसे दरकिनार भी कर दिया.
रविवार शाम कोर कमेटी की बैठक में चैंपियन के पक्ष में फ़ैसला होने के बाद अंतिम फैसला बंशीधर भगत पर छोड़ दिया गया था. रविवार शाम ही चैंपियन ने बंशीधर भगत के सामने अपना पक्ष रख दिया था. सोमवार सुबह करीब पौने दस बजे बंशीधर भगत सीएम आवास पर पहुंचे. इसके कुछ देर बाद कुंवर प्रणव चैंपियन को भी सीएम आवास में बुला लिया गया था, जहां तीनों लोगों की बातचीत हुई.
इसके बाद करीब एक बजे के आसपास चैंपियन अपनी पत्नी के साथ बंशीधर भगत के आवास पर पहुंचे जहां फूलमाला पहनाकर चैंपियन की घर वापसी को हरी झंडी दे दी गई. इस दौरान चैंपियन ने बंशीधर भगत के पैर भी छुए. बकौर बंशीधर भगत चैंपियन ने अपनी पिछली गलतियों के लिए माफ़ी मांग ली है.
चैंपियन की घर वापसी को लेकर राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी की नाराजगी पर भगत ने कहा कि ऐसा हर फैसले में होता है कुछ लोग नाराज़ होते हैं तो कुछ लोग सहमत. उन्होंने कहा कि अनिल बलूनी ने फोन पर उनसे इस फ़ैसले को लेकर नाराज़गी व्यक्त की थी लेकिन यह कोर कमेटी का फैसला था कि चैंपियन की घर वापसी करा ली जाए.
कुंवर प्रणव चैंपियन का विवादों से लंबा नाता रहा है. वह कब तक एक बार फिर भाजपा की रीति-नीति पर टिके रहेंगे, यह कहना मुश्किल है. चैंपियन सोमवार को भी अपने पुराने रंग में नज़र आए. उन पर लगे आरोपों के बारे में पूछने पर चैंपियन ने कहा कि उन्होंने किसी की जमीन नहीं हड़पी, न कहीं डकैती डाली है.
ठाठ के साथ बीजेपी में शामिल हुए चैंपियन ने कहा, “मैं स्पोर्ट्समैन हूं, राजपरिवार से हूं, गोली चलाना और खेलना, पहलवानी करना शौक रहा है. चैंपियन ने कहा कि शराब पीने से कोई रोक नहीं सकता लेकिन मैंने पिछले एक साल से शराब भी छोड़ दी है.”
दरअसल कुंवर प्रणव चैंपियन की घर वापसी को लेकर बहुत पहले से ही भाजपा रेड कार्पेट लेकर तैयार बैठी थी. जनवरी 2020 में जब बंशीधर भगत ने पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला था, उसी समय चैंपियन की घर वापसी की पूरी तैयारी कर ली गई थी.
लेकिन तब चैंपियन के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी कहे जाने वाले झबरेडा से भाजपा के ही विधायक देशराज कर्णवाल ने इस पर आपत्ति जता दी थी. इसके बाद मामला कुछ दिन के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.
जुलाई 2019 में चैंपियन को निष्कासित करने वाले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा समय में नैनीताल से भाजपा सांसद अजय भटट के भी अब सुर बदल गए हैं. चैंपियन को रविवार को बहुत विद्वान, कई भाषाओं के ज्ञाता बताने वाले भट्ट के सुरों में आज चैपिंयन को लेकर थोड़ा बैलेंस दिखा. भट्ट ने कहा कि तब तत्कालीन हालात के मददेनजर चैंपियन का निष्कासन किया गया था. अब उनकी वापसी हुई है तो वह पार्टी के फैसले के साथ हैं.
चैंपियन की घर वापसी के पीछे एक बड़ा कारण हरिद्वार में होने वाले पंचायत चुनाव को भी माना जा रहा है. माना जाता है कि चैंपियन का अपने क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव है. हरिद्वार में पंचायतों में जीत हार के दूरगामी परिणाम होने हैं. इस सीट पर 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के ट्रायल के रूप में भी देखा जाएगा इसलिए भाजपा हरिद्वार में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और चैंपियन की वापसी में यह भी एक बड़ा फैक्टर माना जाएगा.
साभार-न्यूज़ 18