यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को अपनी रणनीति में बदलाव किया है. कल तक जहां विपक्षी दलों के नेताओं को जाने से रोका जा रहा था.
वहीं बुधवार को यूपी प्रशासन ने सभी नेताओं को चाहे वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी-प्रियंका वाड्रा हो या फिर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह हो सभी विपक्ष के नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी है.
बताया जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी लखीमपुर पहुंच सकते हैं. आखिर ऐसा क्या हुआ जो बुधवार आते-आते यूपी सरकार ने सभी नेताओं के लिए लखीमपुर खीरी जाने के सभी रास्ते खोल दिए हैं.
जानें क्या हैं वो वजहें
1.पहली वजह लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए 6 सदस्यों की एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया है और इस मामले की न्यायिक जांच कमेटी का गठन हो गया है.
2.दूसरी वजह लखीमपुर हिंसा में मारे गए तीन किसानों का अंतिम संस्कार मंगलवार को ही हो चुका था, लेकिन हिंसा में जान गंवाने वाले बहराइच के किसान गुरविंदर सिंह का बुधवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया. इससे पहले परिजन की मांग पर शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम की निगरानी के लिए चिकित्सकों का एक विशेषज्ञ पैनल लखनऊ से आया था. इस पैनल के निर्देशन में ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की जाएगी.
3.तीसरी वजह इस हिंसा में मरने वाले सभी किसानों को यूपी प्रशासन और किसान नेता राकेश टिकैत के बीच हुए समझौते के अनुसार, 45-45 लाख रुपये की मुआवजा राशि भी प्रशासन की ओर से दे दी गई है. आपको बता दें कि पीड़ित परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी देने की बात भी हुई थी.
4.चौथी वजह इस मामले में पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें आशीष मिश्रा उर्फ मोनू का भी नाम है. एफआईआर के मुताबिक घटना के दिन आशीष मिश्रा उर्फ मोनू अपनी थार गाड़ी में बाईं तरफ बैठा था. इतना ही नहीं एफआईआर में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पर साज़िश रचने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा एफआईआर में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के वायरल वीडियो का भी जिक्र किया गया है. वहीं हत्या (302)के साथ-साथ दुर्घटना में मौत (304a) की धारा भी लगाई गई है.
5.पांचवीं वजह इस मामले में यूपी पुलिस जल्द ही आशीष मिश्रा से पूछताछ कर सकती है. लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा है कि आरोपी आशीष मिश्रा से पुलिस पूछताछ करेगी और पुलिस दफ्तर बुलाकर पूछताछ होगी.
6.छठी वजह लखीमपुर जाने की जिद को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पिछले 70 घंटे से ज्यादा सीतापुर के पीएसी गेस्टहाउस में बंद हैं. इस कारण यह मुद्दा अब तक गर्माया हुआ है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस मामले में जहां लगातार योगी सरकार पर प्रहार कर रहे हैं, वहीं राहुल गांधी भी टकराव के मोड में आ गए. इस कारण किसानों के साथ समझौते के बाद जो मामला सोमवार को ही शांत माना जा रहा है, वह बुधवार को भी सुर्खियों में बना है. ऐसे में राजनीतिक दलों को लखीमपुर जाने से रोकना अब यूपी सरकार की छवि के लिए नुकसानदेह हो सकती थी.
7.सातवीं वजह प्रियंका की गिरफ्तारी के विरोध में कई कांग्रेसी कार्यकर्ता जगह-जगह सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसकी वजह से कई जगह जाम की स्थिति बनी हुई है. इससे वहां के आम आदमी को भी अच्छी खासी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. अगर प्रियंका गांधी लखीमपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलकर वहां से चली जाएंगी तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को धरना खत्म हो जाएगा और आम लोगों को भी राहत मिलेगी.
साभार-न्यूज 18