पुडुचेरी| सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में नारायणसामी की सरकार फेल हो गई और पुडुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार गिर गई. सरकार गिरने के बाद राज्यपाल ने यहां राष्ट्रपति लगाने की सिफारिश कर दी है.
ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी यहां अब अपनी सरकार बनाने का दावा पेश करे, लेकिन पुडुचेरी के बीजेपी अध्यक्ष ने इन अटकलों को खारिज कर दिया. पुडुचेरी के बीजेपी अध्यक्ष वी सामीनाथन ने कहा कि बीजेपी वहां सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी, क्योंकि पार्टी शॉर्ट-कट पर भरोसा नहीं करती.
सामीनाथन ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी एनआर भी यहां सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी. सामीनाथन ने कहा कि उनका या उनकी पार्टी का नारायणसामी की सरकार को गिराने में कोई हाथ नहीं है. जो कुछ भी हुआ है वो नारायणसामी की गलत नीतियों के कारण हुआ है, उनकी ही पार्टी के लोगों ने नाराज होकर उनका साथ छोड़ा, ऐसे में हम क्या कर सकते हैं.
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं पुडुचेरी में क्या है बीजेपी का गेमप्लान:-
- बीजेपी सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस-मुक्त भारत होने के अपने इरादे घोषित कर चुकी है. पार्टी कांग्रेस और उसके नेतृत्व को यथासंभव बदहाल स्थिति में दिखाने के मिशन पर है. एक बीजेपी नेता कहते हैं, ‘मध्य प्रदेश, गोवा, मणिपुर और अरुणाचल में विपक्षी पार्टी कांग्रेस की हार ने उसकी छवि एक ऐसी पार्टी की बन गई है, जो न तो शासन कर सकती है और न ही अपने लोगों को एकजुट करके रख पाती है. इस पार्टी की विचारधारा भी अब देश के लिए प्रासंगिक नहीं है.’
बीजेपी नेता आगे कहते हैं, ‘पुडुचेरी में जो कुछ हुआ, वो बस कांग्रेस के लिए एक एड ऑन था. बीजेपी वहां सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर रही है, लेकिन यह सिर्फ उस बात को स्पष्ट करती है कि बीजेपी कांग्रेस मुक्त राष्ट्र का निर्माण कर रही है.’
- इस बीजेपी नेता के अनुसार, ‘चुनावों के परिणाम जो भी हो, ये बीजेपी के लिए फायदेमंद ही साबित होगा, क्योंकि कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पांच विधायकों में से तीन पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. अन्य लोगों से भी उम्मीद की जाती है कि वे निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े. बीजेपी नेता ने कहा,’ उन्होंने कहा, ‘इससे राज्य में कांग्रेस कमजोर होगी और शायद अपने सहयोगी डीएमके को भी मजबूत कर सकती है.’
- बीजेपी नेताओं ने कहा कि पार्टी लंबे समय से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के संपर्क में थी. क्योंकि आंतरिक असंतोष से नारायणसामी सरकार कमजोर हो गई थी, कांग्रेस का नेतृत्व पुडुचेरी में हस्तक्षेप करने में विफल रहा. असंतुष्ट विधायक किसी भी समय सरकार को गिरा सकते थे. एक भाजपा नेता ने दावा किया, ‘हालांकि, यह कदम चुनाव के एक दिन पहले किया गया था, ताकि विद्रोही अपने समर्थकों को उत्साहित कर सकें.’ बीजेपी नेता ने कहा, ‘जब चुनाव से ठीक पहले विद्रोह होता है, तो इस पर रोक लगाना आसान होता है.
- बीजेपी नेताओं के मुताबिक, ‘किरण बेदी के उपराज्यपाल रहते, कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए उठाया गया कोई भी कदम आखिरकार बीजेपी की छवि के लिए अच्छी बात नहीं थी. उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री नारायणसामी के बीच लंबे समय से चली आ रही लड़ाई के कारण बीजेपी और केंद्र सरकार दोनों की छवि को चोट पहुंच सकती थी. बीजेपी के एक पदाधिकारी कहते हैं, ‘बेदी को पद से हटाकर, हमने क्षति को नियंत्रित किया है. अगर बेदी पद पर बनी रहतीं, तो पार्टी और केंद्र सरकार को दोषी ठहराया जाता.’
- बीजेपी के पदाधिकारी के मुताबिक, पुडुचेरी में जो हुआ, वो सिर्फ किरण बेदी को हटाने के लिए नहीं था. बल्कि ये बीजेपी की योजना का हिस्सा था. तमिलिसाई सुंदरराजन को एल-जी बनाने से न केवल पार्टी को आलोचना से बचने में मदद मिली, बल्कि इस पद पर एक तमिलियन होने से भी बीजेपी को अपनी विचारधारा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
हालांकि, बीजेपी नेताओं ने माना कि नई सरकार को एक साथ लाने के प्रयास नारायणसामी के लिए सहानुभूति पैदा कर सकते हैं. राज्य में नई सरकार के लिए एन आर कांग्रेस की मांग पर पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है.
साभार-न्यूज़ 18