खरमास 15 दिसंबर से लगने जा रहा है. 15 दिसंबर को सूर्य का धनु राशि में गोचर के साथ ही खरमास लग जाएगा. इसे धनु संक्रांति भी कहा जाता है.
हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक-शुभ काम नहीं करने चाहिए. यही कारण है कि खरमास के शुरू होने के साथ ही सही प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.
ज्योतिष शास्त्र और पंचांग के अनुसार, जब सूर्य राशि परिवर्तन करते समय गुरु की राशि धनु या मीन में गोचर करते हैं, तभी खरमास लगता है. पौष माह को खरमास का महीना माना गया है.
इस माह भले ही शादी-विवाह, घर, मकान लेने जैसे कार्यों पर रोक लग जाती है लेकिन यह माह भगवान की पूजा-अर्चना और मंदिर दर्शन और तीर्थ यात्रा के लिए बेहतर माना गया है.
खरमास में घर में कोई नई खरीददारी करना या कोई मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना गया है. ऐसे में 15 दिसंबर यानी कि खरमास से पहले ही खरीददारी कर लें. क्योंकि इसके बाद कोई भी शुभ मुहूर्त मकर संक्रांति से पहले नहीं पड़ेगा.
मकर संक्रांति शुरू होने के साथ ही खरमास का समापन होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति साल 2021 में 14 जनवरी को पड़ रही है. मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है.
मकर संक्रांति की हिंदू धर्म में काफी महिमा बताई गई है क्योंकि मकर संक्रांति की शुरुआत से ही रुके हुए सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे.