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दुनिया को संदेश: 22 मिनट की स्पीच में पीएम मोदी ने विकास के साथ प्रगतिवादी सोच का किया आह्वान

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प्रधानमंत्री के अंतरराष्ट्रीय मंच से संबोधन के दौरान न ललकार थी, न तड़क-भड़क न किसी भी देश का नाम. पीएम मोदी बड़ी-बड़ी बातें भी नपे-तुले अंदाज में कह गए. प्रधानमंत्री का संबोधन आज की वैश्विक समस्याओं पर दुनिया को ‘संदेश और सीख’ भी दे गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में जनरल सभा को हिंदी में 76वें सत्र को संबोधित किया. भारतीय समय अनुसार शनिवार शाम 6:40 बजकर शुरू हुई पीएम मोदी की स्पीच 7 बचकर 2 मिनट तक चली . अपने भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री ने ‘नमस्कार साथियों’ से की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और विविधतापूर्ण बनाया जाए, इसलिए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है.

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्रगतिवादी सोच को बढ़ाना जरूरी हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और मैं प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन पर हमला बोला. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद, अफगानिस्तान, कोरोना वायरस वैक्सीन जैसे कई मुद्दों पर दुनिया को संबोधित किया.

इसके साथ ही पीएम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुधार की भी वकालत की. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और विविधतापूर्ण बनाया जाए, इसलिए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है.

हमारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ इसी भावना से प्रेरित है. स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर भारत भारतीय छात्रों द्वारा बनाए गए 75 उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करने जा रहा है.

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने महान विद्वान चाणक्य और विश्व प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के विचारों को भी दुनिया को बताया. ऐसे ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर प्रधानमंत्री ने उन्हें नमन किया.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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