मुंबई| पुलिस की क्राइम ब्रांच ने टीआरपी के खेल में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया है, इसके साथ ही कुछ वांक्षित लोगों की तलाश जारी है. पुलिस के मुताबित टीआरपी के खेल में एक राष्ट्रीय स्तर का चैनल और महाराष्ट्र के दो स्थानीय चैनल शामिल थे.
विज्ञापन पाने के लिए वो इस तरह के खेल में शामिल थे. दो लोगों में से एक शख्स का हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड से है. क्राइम ब्रांच इस संबंध में और गहराई से जांच पड़ताल कर रही है.
चर्चा में इसलिए आई टीआरपी
मुंबई पुलिस कमिश्नर के खुलासे के बाद राष्ट्रीय स्तर के चैनल की तरफ से बाकायदा सफाई आ गई कि यह सब क्यों हुआ और उसने पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ बाकायदा क्रिमिनल डिफेमेशन सूट दाखिल करने की भी बात कही है. लेकिन इन सबके बीच यह समझना जरूरी है आखिर टीआरपी का मतलब क्या है.
टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट मतलब टीआरपी
आसान तरीके से समझें तो टीआरपी का अर्थ टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट से होता है. इसके जरिए किसी कार्यक्रम की लोकप्रियता के साथ साथ चैनलों के बारे में भी पता चलता है कि उसकी रैंकिंग क्या है.
टीआरपी के दम पर चैनल खुद को सर्वश्रेष्ठ होने का दावा करते हैं. इसके साथ ही टीआरपी और विज्ञापन का भी नाता है. इसका अर्थ यह है कि जितना बेहतर टीआरपी उतना ही अधिक विज्ञापन.
जितनी टीआरपी उतना विज्ञापन
टीआरपी को मांपने के लिए कोई खास पैमाना नहीं है, इसके आंकड़े अनुमानित होते हैं. कुछ खास शहरों में अनुमानित सैंपल साइज को लेकर घरों में टीआरपी के मीटर लगाए जाते हैं जिन्हें हम पब्लिक मीटर भी कहते हैं.
इन पब्लिक मीटर के जरिए कार्यक्रमों की लोकप्रियता तय की जाती है. ताजा खुलासे में यही आरोप लगाया गया है कि कुछ खास चैनल पैसों के दम पर टीआरपी का खेल रचाते थे.
ऐसे ऐसे घरों में पब्लिक मीटर लगाए गए हैं जो वर्षों से बंद हैं. इसके साथ ही उन घरों में कुछ खास चैनलों को देखा गया है जिसके आडिएंस उस खास भाषा को नहीं समझते हैं.
बार्क का बयान
बार्क के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पिछले सभी मामलों की तरह, बार्क इंडिया अपने स्थापित सतर्कता और अनुशासनात्मक दिशा-निर्देशों का पालन करना जारी रखती है.
बार्क व्हाट्सएप इंडिया सही और ईमानदारी से रिपोर्ट करने के अपने उद्देश्य के प्रति संकल्पित है. बार्क इंडिया मुंबई पुलिस के प्रयास और इसके लिए कहा गया समर्थन प्रदान करेगा.