लखीमपुर खीरी विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ! 10 प्वाइंट्स में जानें

रविवार को यूपी के लखीमपुर जिले में हिंसा की घटना के बाद चल रहा किसानों का प्रदर्शन अब बंद हो जाएगा. राज्य सरकार द्वारा किसानों की मांगें मान लिए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है.

किसानों और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में मारे गए चार किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.

साथ ही मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी और मामले की आठ दिन के भीतर जांच कर आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी.

सोमवार सुबह से दो राउंड की बैठक के बाद प्रशासन और किसानों के बीच सहमति बन गई है. जिसके बाद किसानों ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की बात कही. आइए जानते हैं कि अब तक विवाद में क्या-क्या हुआ…

1- सरकार ने मृतकों के परिजनों को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके अलावा गंभीर रूप से घायल लोगों को दस लाख का मुआवजा दिया जाएगा.

2- गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि आशीष मिश्रा ने वाहन से किसानों को रौंद दिया. इसी के बाद हिंसा फैली.

3- पुलिस के साथ हुई बैठक के बाद आज किसान चारों मृतकों का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए.

4- पुलिस ने किसानों को आश्वासन दिया है कि मृतकों के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर जांच की जाएगी.

5- विपक्षी नेताओं को घटना स्थल पर पहुंचने से रोक दिया गया. राज्य सरकार ने लखनऊ एयरपोर्ट अथॉरिटी से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा को शहर में न घुसने देने की अपील की है. बीएसपी को भी घटनास्थल तक नहीं जाने दिया गया.

6- लखीमपुर के जाते वक्त हिरासत में ली गईं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की.

7- उन्होंने सवाल किए कि उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया जबकि केंद्रीय गृह मंत्री का आरोपी पुत्र खुले में घूम रहा है.

8- इस बीच अजय मिश्रा ने इस बात से इनकार किया कि उनके पुत्र आशीष घटना के वक्त मौजूद थे. उन्होंने कहा कि किसानों की मौत कार पलटने से हुई. उनका कहना है- वहां कुछ उपद्रवी तत्व मौजूद थे जिनके पास डंडे और तलवारें थीं.

9- लखीमपुर का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उछला है. दरअसल किसानों ने सर्वोच्च अदालत में दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी.

10- कोर्ट में एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि नए कृषि कानूनों पर रोक लगा देने के बावजूद किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?

साभार-न्यूज 18

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