देहरादून| उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद राज्य में एक बार सियासी संकट गहराया हुआ है. सीएम तीरथ सिंह रावत ने रात करीब 11 बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा. इस दौरान उनके साथ में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित कई भाजपा विधायक भी थे. इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए तीरथ सिंह रावत का गला रूंध गया.
अपने संबोधन में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड पॉजिटिव होने के कारण अधिक समय नहीं था. तीरथ सिंह रावत ने पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां तक जो मैं आज पहुंचा हूं उसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं.
रूंधे गले से मीडिया से बात करते हुए तीरथ सिंह रावत ने कहा, ‘अभी माननीय राज्यपाल जी के वहां इस्तीफा देकर आय़ा हूं. जो चुनाव आयोग की धारा 151, 164 के अंतर्गत जो संवैधानिक संकट था और उस संकट के कारण, स्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा.
मैं अपने केंद्रीय नेतृत्व का माननीय वरिष्ठ का बहुत आभारी हूं और धन्यवाद करना चाहूंगा कि नेतृत्व ने मुझे समय- समय पर विभिन्न दायित्व दिए. एमएलसी से लेकर विधानसभा और प्रदेश अध्यक्ष तथा लोकसभा से लेकर मुख्यमंत्री बनाने तक. मैं ह्रदय से माननीय पीएम मोदी का, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी का, गृहमंत्री अमित शाह का और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ह्रदय से आभार प्रकट करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाया.’
इस दौरान मीडिया ने उनसे कई सवाल किए लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. मीडिया को दिया गया उनका संबोधन बेहद छोटा रहा. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि शनिवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी और विधायकों में से से ही किसी को मुख्यमंत्री चुनाव जाएगा. आपको बता दें कि राज्य में जो भी नए सीएम पद की शपथ लेगा उसका कार्यकाल महज 7-8 महीने का होगा क्योंकि अगले साल फरवरी-मार्च में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.