पंचांग अनुसार महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही खास होता है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है. महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री-:
इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च को मनाया जायेगा. इस पावन पर्व पर शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी की जाती है. शिवरात्रि के दिन रात में पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है. इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है. पूजा जैसे पुष्प, बिल्वपत्र, भाँग, धतूरा, बेर, जौ की बालें, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, देशी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, शिव और माँ पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन आदि.
क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि-:
महाशिवरात्रि पर्व मनाने को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. जिसमें सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार ये पर्व शिव और माता पार्वती के मिलन की रात के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन पार्वती जी का विवाह भगवान शिव से हुआ था. एक मान्यता ये भी है कि इसी दिन शिव जी 64 शिवलिंग के रूप में संसार में प्रकट हुए थे. जिनमें से लोग उनके 12 शिवलिंग को ही ढूंढ पाए. जिन्हें हम 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से जानते हैं.
पूजा मुहूर्त-:
महा शिवरात्रि 11 मार्च दिन बृहस्पतिवार को है. महाशिवरात्रि पूजा का सबसे शुभ समय 12:06 AM से 12:55 AM, मार्च 12 तक है. महाशिवरात्रि पूजा के अन्य शुभ मुहूर्त- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा 06:27 PM से 09:29 PM, रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा 09:29 PM से 12:31 AM (मार्च 12), रात्रि तृतीय प्रहर पूजा 12 मार्च 12:31 AM से 03:32 AM, रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा 03:32 AM से 06:34 AM तक. चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 11 मार्च को 02:39 PM बजे से होगा और समाप्ति 12 मार्च को 03:02 PM बजे. 12 मार्च को शिवरात्रि व्रत पारण समय 06:34 AM से 03:02 PM तक.