केंद्र सरकार देश में कई परिवारों को फैमली पेंशन के जरिए मदद करती है. नौकरी से रिटायर होने के बाद पेंशन लेने के लिए सरकार द्वारा कुछ नियम बनाए गए है. इन नियमों के मुताबिक अगर किसी पेंशनधारी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को उसकी मृत्यु के बाद फैमिली पेंशन मिलती है.
लेकिन आपको बता दें कि केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से फैमिली पेंशन में एक बड़ा बदलाव किया गया है. रक्षा मंत्रालय के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग ने पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग के सर्कुलर को लागू करने का आदेश जारी किया है.
दरअसल, 16 जून 2021 को पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग (डीओपी एंड पीडब्लू) ने एक अहम शर्त का जिक्र करते हुए बताया था कि फैमिली पेंशन पाने वाले सदस्य से ये अधिकार छिना जा सकता है.
इसके मुताबिक फैमिली पेंशन पाने वाले सदस्य पर सरकारी कर्मचारी की हत्या का आरोप लगता है या ऐसे किसी अपराध के लिए भड़काने का आरोप लगता है तो ऐसी परिस्थिति में परिवार के किसी अन्य पात्र सदस्य को पेंशन दी जा सकती है.
16 जून 2021 से होगा लागू
रक्षा मंत्रालय के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग ने 05 जनवरी 2022 को सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों के लिए डीओपी एंड पीडब्ल्यू के ज्ञापन में आवश्यक परिवर्तनों सहित निहित प्रावधानों को लागू करने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है. यह प्रावधान 16 जून 2021 से लागू होगा.
यह था पुराना नियम
अभी तक Central Civil Services (Pension) Rules, 1972 के नियम 54 के उप नियम (11 C) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जो सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु पर पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र होता था, पर सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी की हत्या करने या इस तरह के अपराध के लिए उकसाने का आरोप लगता था तो इस संबंध में उस आपराधिक कार्यवाही का फैसला आने तक पेंशन को निलंबित कर दिया जाता था.
जानिए क्या हैं फैमिली पेंशन के नए नियम
फैमिली पेंशन पाने वाले व्यक्ति पर सरकारी कर्मचारी की हत्या या उसके लिए उकसाने का आरोप लगने पर परिवार के ही अन्य किसी पात्र सदस्य को तक तब फैमिली पेंशन देनी शुरू की जाएगी, जब तक की आरोपी पर कोई अंतिम फैसला ना जाए.
ऐसे केसों में ऐसे आपराधिक मामलों में लिप्त व्यक्ति के अलावा परिवार के किसी अन्य पात्र सदस्य को पेंशन का भुगतान रोक दिया जाता था, तब तक की उस क्राइम प्रोसिडिंग पर फैसला ना आ जाए. साथ ही इन आपराधिक मामलों का दोष साबित हो जाने पर उस व्यक्ति को फैमिली पेंशन पाने से बेदखल कर दिया जाता था.
उस स्थिति में, सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की तारीख से परिवार के अन्य पात्र सदस्य को पारिवारिक पेंशन देय हो जाती थी. हालांकि अगर संबंधित व्यक्ति बाद में आरोप से मुक्त कर दिया जाता था, तो उस व्यक्ति को सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की तारीख से परिवार पेंशन देय हो जाती थी.
साभार-न्यूज 18