किष्किन्धा जो कि आज हम्पी है, वाल्मीकि रामायण में पहले वालि का तथा उसके पश्चात् सुग्रीव का राज्य बताया गया है. रामायण के काल में विन्ध्याचल पर्वत माला से लेकर पूरे भारतीय प्रायद्वीप में एक घना वन फैला हुआ था जिसका नाम था दण्डक वन.
उसी वन में यह राज्य था. अतः यहाँ के निवासियों को वानर कहा जाता था, जिसका अर्थ होता है वन में रहने वाले लोग. वर्तमान में कर्नाटक का बेल्लारी जिला और यहां का एक छोटा सा शहर हम्पी(पंपा से निकला हुआ) कभी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था, प्राचीन काल में पंपा के नाम से भी जाना जाता था.
यहाँ एक तुंगभद्रा पवित्र नदी भी है जिसका जन्म तुंगा एवं भद्रा नदियों के मिलन से हुआ है. इसको रामायण काल में पंपा के नाम से जाना जाता था. बाली की गुफा और सुग्रीव का निवास स्थान ऋषम्यूक पर्वत भी यहीं स्थित है.
इस क्षेत्र में ही आंजनाद्रि_पर्वत पर बजरंगबली के पिता महाराज केसरी का राज था, जहां बजरंगबली रहते थे. हम्पी नगर यूनेस्को के विश्व के विरासत स्थलों में शामिल किया गया है जहाँ अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है.
साभार-डॉ कोमल चन्द्र जोशी