हेस्को संस्था और हिमालयी यूनाइटेड मिशन इस बार नौ सितंबर को देशभर में व्यापक रूप से हिमालय दिवस मनाएंगे. इसके पीछे उन तमाम मुद्दों पर देश-दुनिया का ध्यान खींचना मकसद होगा, जो हिमालय के पर्यावरण से जुड़े हैं. हिमालय दिवस की शुरुआत आधिकारिक तौर पर 9 सितंबर, 2014 उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने की थी. आओ जानते हैं हिमालय के 12 रहस्य.
- एक्सिस मुंडी : हिमालय धरती के मध्य भाग में स्थित है. हिमालय क्षेत्र में प्रकृति के सैकड़ों चमत्कार देखने को मिलेंगे. एक ओर जहां सुंदर और अद्भुत झीलें हैं तो दूसरी ओर हजारों फुट ऊंचे हिमखंड. हजारों किलोमीटर क्षेत्र में फैला हिमालय चमत्कारों की खान है. जैसे कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां जाने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अचानक काम करना बंद कर देते हैं. घड़ियों का समय अचानक ही बदल जाता है. मैग्नेटिक हिल पर गाड़ियों अपने आप ही पहाड़ चढ़ने लगती है. ऐसी ही कई चमत्कारिक बाते हैं. यहां का कैलाश पर्वत तो चमत्कारों की खान है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है.
- हिमालय की कुछ प्रमुख नदियां हैं– सिंधु, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज बड़ी नदियां है. इसके अलावा सरस्वती, चंद्रभागा, (चिनाब), यमुना, शुतुद्री (सतलुज), वितस्ता (झेलम), इरावती (रावी), कुहू (काबुल), गोमती, धूतपापा (शारदा), बाहुदा (राप्ती), दृषद्वती (चितंग), विपाशा (बियास), देविका (दीग), सरयू (घाघरा), रंक्षू (रामगंगा), गंडकी (गंडक), कौशिकी (कोसी), त्रित्या और लोहित्या (ब्रह्मपुत्र).
- हिमालय के शिखर : हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमालय, एवरेस्ट, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रोलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, के 2, लहोत्से, मकालू, चो ओयू, नागा, नैनादेवी, धौलागिरी और कंचनजंघा हैं.
- सबसे बेहतर वातावरण : हिमालय की वादियों में रहने वालों को कभी दमा, टीबी, गठिया, संधिवात, कुष्ठ, चर्मरोग, आमवात, अस्थिरोग और नेत्र रोग जैसी बीमारी नहीं होती.
- देव स्थान : मुण्डकोपनिषद् के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माओं का एक संघ है. इनका केंद्र हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में स्थित है. इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है. इन दुर्गम क्षेत्रों में स्थूल-शरीरधारी व्यक्ति सामान्यतया नहीं पहुंच पाते हैं.
- हिमालय के कुछ तीर्थ स्थान : कैलाश, मानसरोवर, अमरनाथ, कौसरनाग, वैष्णोदेवी, पशुपतिनाथ, हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देवप्रयाग, हेमकुण्ड, ऋषिकेश, गंगोत्री, यमुनोत्री आदि सैंकड़ों तीर्थ स्थान है. केदारखंड में अलकापुरी तपोवन, गोमुख, ब्रह्मपुरी, नंदनवन, गन्धमादन, वासुकीताल, वसुधारा आदि दर्शनीय देवस्थल हैं.
- मानव की उत्पत्ति हिमालय क्षेत्र में हुई : तमाम शोध के बाद यह ज्ञात हुआ है कि मानव की उत्पत्ति हिमालय में हुई थी. पुराणों के अनुसार विवस्ता नदी के किनारे. विज्ञानियों एवं इतिहासवेत्ताओं के अनुसार हिमालय पर फल, अन्न और शाक आदि सभी खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं. स्वभावतः मानव का मूल आहार यही है. प्रसिद्ध समाज विज्ञानी कालचेंटर के अनुसार मनुष्य प्राकृतिक रूप से फल और अनाज पर निर्भर करता है अतः हिमालय का क्षेत्र ही मानव की स्वाभाविक जन्मस्थली है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण है यहां जीवाश्म का पाया जाना, जो विश्व में अन्य जगहों पर पाए गए दूसरे सभी जीवाश्मों की अपेक्षा कहीं ज्यादा पुराना है.
- सिद्धाश्रम, मठ और गुफाओं का रहस्य : हिमालय में जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफाएं हैं. मान्यता है कि गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं, जो हजारों वर्षों से तपस्या कर रहे हैं. इस संबंध में हिन्दुओं के दसनामी अखाड़े, नाथ संप्रदाय के सिद्धि योगियों के इतिहास का अध्ययन किया जा सकता है. उनके इतिहास में आज भी यह दर्ज है कि हिमालय में कौन-सा मठ कहां पर है और कितनी गुफाओं में कितने संत विराजमान हैं.
- जड़ी-बूटियों का भंडार : हनुमानजी हिमालय के एक क्षेत्र से ही संजीवनी का पर्वत उखाड़कर ले गए थे. हिमालय ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां दुनियाभर की जड़ी-बूटियों का भंडार है. हिमालय की वनसंपदा अतुलनीय है. हिमालय में लाखों जड़ी-बूटियां हैं जिससे व्यक्ति के हर तरह के रोग को दूर ही नहीं किया जा सकता बल्कि उसकी उम्र को दोगुना किया जा सकता है. इसके अलावा ऐसी भी कई चमत्कारिक जड़ी-बूटियां हैं जिनका वर्णन अथर्ववेद, आयुर्वेद और जड़ी-बूटियों के ग्रंथों में मिलता है. सोमवल्ली, संजीवनी बूटी, अरुंधती, ब्रह्मकमल जैसी वनस्पतियां हिमालय के एक विशेष क्षेत्र में पाई जाती हैं.
- येति : मान्यता है कि येति का निवास हिमालय में ही है. येति या यति एक विशालकाय हिम मानव है जिसे देखे जाने की घटना का जिक्र हिमालय के स्थानीय निवासी करते आए हैं. येति आज भी एक रहस्य है. कोई इसे भूरा भालू कहता है, कोई जंगली मानव तो कोई हिम मानव. कुछ वैज्ञानिक इसे निंडरथल मानव मानते हैं. यह आमतौर पर तिब्बत के हिमालय वाले क्षेत्र में पाया जाता है. विश्वभर में करीब 30 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हिमालय के बर्फीले इलाकों में हिममानव मौजूद हैं.
- कस्तूरी मृग : हिमालय में ऐसे कई जीव-जंतु हैं, जो बहुत ही दुर्लभ है. उनमें से एक दुनिया का सबसे दुर्लभ मृग है कस्तूरी मृग. यह हिरण उत्तर पाकिस्तान, उत्तर भारत, चीन, तिब्बत, साइबेरिया, मंगोलिया में ही पाया जाता है. इस मृग की कस्तूरी बहुत ही सुगंधित और औषधीय गुणों से युक्त होती है. कस्तूरी मृग की कस्तूरी दुनिया में सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है. यह कस्तूरी उसके शरीर के पिछले हिस्से की ग्रंथि में एक पदार्थ के रूप में होती है.
- एलियंस रहते हैं हिमालय में?: विश्वभर के वैज्ञानिक मानते हैं कि धरती पर कुछ जगहों पर छुपकर रहते हैं दूसरे ग्रह के लोग. उन जगहों में से एक हिमालय है. भारतीय सेना और वैज्ञानिक इस बात को स्वीकार नहीं करते लेकिन वे अस्विकार भी नहीं करते हैं. भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की यूनिटों ने सन् 2010 में जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में उडऩे वाली अनजान वस्तुओं (यूएफओ) के देखे जाने की खबर दी थी. लेकिन बाद में इस खबर को दबा दिया गया.
साभार-वेबदुनिया