पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर प्रदेश के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और उनकी कांग्रेस पार्टी के नेताओं की अपनी दलीलें हैं, तो भारतीय जनता पार्टी के लोगों के अपने तर्क. इस सबके बीच सामने आईं कुछ और जानकारियों से सवाल उठता है कि पीएममोदी की सुरक्षा में चूक किसी लापरवाही के कारण हुई या फिर राजनीति की वजह से? जवाब आप खुद ढूंढिए, हम तमाम पहलू सामने रखते हैं.
जानिये आखिर क्या है ये मामला
पीएम मोदी का बुधवार, 5 जनवरी को फिरोजपुर, पंजाब में कार्यक्रम था. उन्हें वहां करीब 45,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करना था. इनमें अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे भी शामिल था.
पीएम को हुसैनीवाला, फिरोजपुर शहीद-स्मारक में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने थे. इसके बाद एक जनसभा को संबोधित कर पंजाब में विधानसभा चुनावों के प्रचाार अभियान की शुरुआत करनी थी.
इन कार्यक्रमों के लिए पीएम मोदी तय कार्यक्रम के मुताबिक सुबह 10.30 बजे बठिंडा हवाई अड्डे पहुंचे. वहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला जाना था. लेकिन मौसम खराब था. लिहाजा, वहीं करीब 20 मिनट तक इंतजार किया गया. इसके बाद भी जब हालात सुधरते नहीं दिखे तो सड़क मार्ग से हुसैनीवाला जाने का निर्णय हुआ.
पीएम सुबह 11.00 बजने से कुछ पहले बठिंडा हवाई अड्डे से हुसैनीवाला के लिए रवाना हुए. वहां तक पहुंचने में उन्हें लगभग 2 घंटे लगने वाले थे. लेकिन हुसैनीवाला से करीब 15-20 किलोमीटर पहले 400-500 प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले का रास्ता रोक लिया.
सुरक्षा दस्ते से घिरे पीएम ने लगभग 20 मिनट फ्लाईओवर पर ही प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने का इंतजार किया. इस दौरान पंजाब पुलिस समझा-बुझाकर प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश करती रही. जब उसे सफलता नहीं मिली तो पीएम बठिंडा वापस लौट गए. फिर वहां से दिल्ली.
इस घटना पर किसने क्या कहा
प्रदर्शनकारियों द्वारा पीएम का काफिला रोका जाना उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक थी, इसमें कोई संदेह नहीं. इस पर सबसे पहले पीएम ने ही तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बठिंडा हवाई अड्डे पर पंजाब सरकार के अफसरों से कहा, ‘मैं सुरक्षित हवाई अड्डे लौट पाया, इसके लिए अपने सीएम को मेरी ओर से शुक्रिया कह देना.’
पीएम ने पंजाब के सीएम पर दरअसल, तंज कसा था. जाहिर है, भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं को मुद्दा आगे बढ़ाना ही था. लिहाजा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस घटना को कांग्रेस की साजिश और उसके इरादों को खूनी बताया. अन्य भाजपा नेताओं ने भी कहा कि इससे साबित होता है कि ‘कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी से कितनी नफरत करती है.’
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी. कहा, ‘यह घटना नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति किसानों की नाराजगी का नतीजा है. इसी नाराजगी की वजह से पीएम की रैली में उन्हें सुनने के लिए कोई नहीं आया. इसीलिए पीएम को कार्यक्रम रद्द कर लौटना पड़ा. उनकी पार्टी को इस पर आत्ममंथन करना चाहिए.
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘पीएम की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई. पीएम सड़क मार्ग से हुसैनीवाला जाने वाले हैं, इसका फैसला ऐन वक्त पर हुआ. फिर भी राज्य सरकार ने पूरे रास्ते में सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त किया हुआ था.’
इसके अलावा मीडिया और सोशल मीडिया में कुछ जगहों पर तस्वीरें चलीं. इनमें पीएम की फिरोजपुर में जहां रैली होने वाली थी, वहां की खाली कुर्सियां दिखाई गईं. मुख्यमंत्री चन्नी का एक अन्य बयान भी चला. इसमें वो कह रहे हैं, ‘पीएम की सभा में 70,000 लोगों को जुटने की सरकार ने अनुमति दी थी. लेकिन इसमें सिर्फ 700 लोग ही बमुश्किल जुटे.’
केंद्रीय गृह मंत्रालय और पंजाब पुलिस का क्या रुख रहा
पीएम की सुरक्षा में चूक की घटना सामने आते ही पंजाब के पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरमनदीप सिंह को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया.
पीएम का रास्ता रोकने का दावा भारतीय किसान यूनियन-क्रांतिकारी ने किया है. इस संगठन के महासचिव बलदेव सिंह जीरा ने माना है, ‘एसएसपी ने हमें बताया था पीएम सड़क मार्ग से आने वाले हैं.’
अब पंजाब पुलिस और सरकार एक ही सुर में कह रहे हैं कि पीएम के सड़क मार्ग से आने की जानकारी उन्हें आखिरी मौके पर मिली थी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. उसने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. मंत्रालय जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई भी कर सकता है.
कुल जमा निष्कर्ष क्या
पीएम मोदी देश ही नहीं, दुनिया भर में सबसे सख्त सुरक्षा प्राप्त शासन प्रमुखों में गिने जाते हैं. उनके हर मूवमेंट के एक-एक सेकंड की पूर्व तैयारी की जाती है.
किसी भी जगह उनकी सुरक्षा के बंदोबस्त कई दिनों पहले से किए जाते हैं. वे कब कहां से गुजरेंगे, कहां रुकेंगे, क्या करेंगे, सब पूर्व निर्धारित होता है.
यही नहीं, मुख्य मार्गों और साधनों के अलावा बदली हुई या आपात परिस्थितियों में पीएम के मूवमेंट के लिए वैकल्पिक मार्ग और साधनों का बंदोबस्त भी पहले ही कर लिया जाता है.
जिस जगह पीएम का कार्यक्रम होता है, वहां की राज्य सरकार से लेकर जिले के कलेक्टर, एसपी तक तक इसके हर सेकंड की पूर्व जानकारी होती है.
इसलिए पंजाब सरकार और पुलिस का यह तर्क मानने में थोड़ा सहज नहीं लगता कि पीएम का सड़क मार्ग से जाने का कार्यक्रम औचक बना. इसलिए गड़बड़ी हुई.
इसके बावजूद पंजाब सरकार ने कुछ ही घंटों के भीतर फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप के निलंबन का आदेश रद्द कर दिया.
साभार-न्यूज 18