चार दशकों के अपने लंबे करियर में ‘बाबू मोशाय’ ने करीब 200 फिल्मों में अभिनय किया. इस दौरान उन्होंने तीन बार ‘फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवॉर्ड’ जीते और इसके लिए 14 बार नामांकित भी हुए. सबसे अधिक बार ‘अवार्डस फॉर बेस्ट एक्टर’ (4 बार) पाने का सौभाग्य भी सिर्फ उन्हीं को मिला है.
वह इसके लिए 25 दफा नामित भी हुए. भावपूर्ण दृश्यों में उनके सटीक अभिनय को आज भी याद किया जाता है. फिल्म ‘आनंद’ में उनके सशक्त अभिनय को एक उदाहरण माना जाता है. ‘काका’ को 2005 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
इसके अलावा राजेश खन्ना को 2013 में भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. इसी वर्ष आधिकारिक तौर पर ‘द फर्स्ट सुपरस्टार ऑफ इंडियन सिनेमा’ की उपाधि प्रदान की गई थी. और आखिर में 18 जुलाई 2012 को बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार दुनिया को अलविदा कह गए.
जब यह समाचार उनके लाखों प्रशंसकों को मिला तो वह अपने काका की आखिरी झलक पाने के लिए मुंबई के ‘आशीर्वाद’ बंगले पर जमा हो गए थे. आज भले ही राजेश खन्ना हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्टाइल और रोमांटिक अंदाज दर्शकों के बीच वर्षों तक बना रहेगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार