पितृपक्ष समाप्त होने के साथ ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं. हालांकि इस साल ऐसा नहीं हुआ है. 17 सितंबर को श्राद्ध अमावस्या के बाद पितृपक्ष समाप्त हो चुके हैं.
लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि अगले महीने 17 अक्टूबर से शुरू होंगे और 25 अक्टूबर तक रहेंगे.
इस बीच पूरे नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना होगी. आइए आपको नवरात्रि के देरी से शुरू होने की वजह और पूरे 9 दिन के कार्यक्रम की जानकारी देते हैं.
क्यों देरी से शुरू हो रहे नवरात्रि
ज्योतिषविदों के मुताबिक, श्राद्ध के बाद अधिकमास लगने के कारण इस बार नवरात्रि एक महीने देर से शुरू हो रहे हैं.
अधिकमास की वजह से ना सिर्फ नवरात्रि, बल्कि दशहरा और दीपावली भी देरी से शुरू होंगे. 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी.
जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होंगे. इसके बाद ही विवाह, मुंडन आदि मंगल कार्य शुरू होंगे.
क्या है अधिकमास
हिन्दू पंचांग में बारह मास होते हैं. यह सूर्य की संक्रांति और चन्द्रमा पर आधारित होते हैं. हर वर्ष सूर्य और चन्द्र मास में लगभग 11 दिनों का अंतर आ जाता है.
इस अंतर को पाटने के लिए हर तीसरे वर्ष एक अतिरिक्त मास बढ़ जाता है, जिसे अधिकमास कहते हैं. इसे लोकाचार में मलमास भी कहा जाता है. अधिमास में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं.
शारदीय नवरात्रि का कार्यक्रम
17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा
25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा