कोविड महामारी की वजह से देश में डिजिटल लेनदेन का प्रयोग भी तेजी से हुआ है और उतनी ही तेजी से डिजिटल तरीके से फ्रॉड भी हो रहे हैं जिनसे आपको सावधान रहने की जरूरत है. इस मुश्किल दौर में यदि आप कहीं से लोन यानि कर्ज लेने की सोच रहे हैं तो लीजिए लेकिन कर्ज देने वाले चीनी ऐप्स से तो कतई मत लीजिए.
ये ऐप्स आपको तुरंत लोन तो दे देंगे लेकिन उसके बाद जो हाल आपका हो सकता है उसे आप सोच भी नहीं सकते हैं. देश में कई ऐसे मामले आ गए हैं जहां चीनी ऐप्स से लोन लेने वाले अब मौत को गले लगा रहे हैं.
फंसाते हैं दलदल में
ये ऐप्स ग्राहकों को इस तरह फंसा रहे हैं कि बाद में उनकी मौत तक हो जा रही है. ये ऐप जैसे ही आप गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड करते हैं तो आपसे एक शर्त स्वीकार कराई जाती है जिसमें आपको अपनी पर्सनल डिटेल्स के अलावा, फोटो, कॉन्टेक्ट लिस्ट साझा करनी जरूरी होती है.
चूंकि जब आदमी को पैसे की जरूरत होती है तो ये चीजें उसके लिए ज्यादा मायने नहीं रखती हैं और वो तुंरत शर्तों को स्वीकार कर लेता है. यहीं से शुरू होता है असली खेल. इसके बाद जैसे ही आप जरूरी दस्तावेज अपलोड करते हैं तो तुरंत कुछ मिनटों के भीतर आपके खाते में लोन की राशि आपके खाते में डाल दी जाती है.
ऐसे शुरू होता है खेल
ये ऐप ऐसे ही कि सालाना 30 से ज्यादा फीसदी तक ब्याज तो लेते ही हैं और जैसे ही ड्यू डेट मिस हुई तो आपको 3 हजार रुपये तक की पेनाल्टी लगा देते हैं. इसके बाद जैसे ही आदमी कर्ज के जाल में फंसता है तो इनके द्वारा मैसेज और कॉल के जरिए धमकाया जाता है.
चूंकि ऐप वालों के पास आपके सारे फोटोज और नंबर होते हैं तो वो ग्राहक को कहते हैं कि अगर कर्ज नहीं लौटाया तो सारे रिश्तेदारों को फोटो शेयर कर कॉल करेंगे और बदनाम करेंगे. ऐसे मे कर्ज लेने वाला कर्जदार मौत को गले लगाना ज्यादा उचित समझ रहा है.
देश में कई मामले आए सामने
हाल ही में कई ऐसा मामले सामने आए हैं जहां इन ऐप्स के जाल में फंसकर कई लोगों ने मौत को गले लगा लिया. तेलंगाना, मध्य प्रदेश बिहार, बंगाल और देश के अन्य हिस्सों से इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं जहां इन ऐप्स की वजह से 15 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इस ऐप से लोन लेने वाले तेलंगाना के राजन्ना-सिरिसिला जिले के गैलीपल्ली गांव में एक 23 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्रा के परिवार ने दावा किया है कि ऐप-आधारित मनी लेंडर्स द्वारा परेशान किए जाने के बाद उसने यह कदम उठाया. छात्रा को केवल 3400 रुपये चुकाने थे. उसके बाद रिकवरी एजेंट ने जो उत्पीड़न किया उसकी वजह से छात्रा ने मौत को गले लगा लिया.
बिहार का मामला
बिहार से एक ऐसा मामला सामने आया था जहां लॉक डाउन के दौरान उनके एक युवक ने सैलरी नहीं मिलने पर एक चाइनीज एप से 6 हजार रूपये का लोन लिया. उम्मीद थी कि कुछ दिन में सैलरी आएगी तो लोन चुका देंगे. सैलेरी नहीं आयी और दस दिन में 6 हजार 13 हजार हो गया और बढ़ते-बढ़ते यह 6 लाख तक पहुंच गया. इसके बाद जिस कदर रिकवरी एजेंट ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. एजेंट ने व्हाट्स ग्रुप बनाकर युवक के सारे रिश्तेदारों को एड कर लिया और बताने लगा कि ये शख्स फरार है. बाद में युवक ने सुसाइड तक की कोशिश की लेकिन परिवार ने बचा लिया. परिवार ने किसी तरह जमीन बेचकर कर्ज चुकाया.
रहें सावधान
आरबीआई ने इस तरह के ऐप्स को लेकर ग्राहकों को सचेत भी किया है. ऐसे में आप भी सचेत और सतर्क रहें. यह एक ऐसा रैकेट है जिसमें चीन से लेकर इंडोनेशिया तक के नागरिक शामिल हैं. इस मामले में हाल में एक चीनी नागरिक को दिल्ली एयरपोर्ट से अरेस्ट भी किया था.