नई दिल्ली|… बुधवार को केंद्र सरकार ने भारत की रक्षा, सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को जोखिम का हवाला देते हुए चीन के 118 ऐप्स को बैन कर दिया है. इनमें पबजी , राइज ऑफ किंगडम , डैंक टैंक समेत कुछ गेमिंग ऐप्स भारत में काफी पॉपुलर हैं. इसके अलावा मोबाइल को हैंग होने से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला क्लीनर-फोन बूस्टर ऐप पर भी रोक लगा दी गई है. आइए जानते हैं कि चीनी ऐप्स के प्रतिबंध को कैसे लागू किया जाएगा.
चीन के प्रतिबंधित ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISP) को निर्देश दिए जाएंगे, जिसके लिए जल्द उन्हें नोटिफिकेशन भेजा जाएगा. यूजर्स को जल्द ही एक मैसेज देखने को मिल सकता है, जिसमें कहा जाएगा कि सरकार के अनुरोध पर ऐप्स के एक्सेस पर बैन लगा दिया गया है.
वहीं, ऐप्स को क्लिक करने पर नेटवर्क एरर जैसे मैसेज दिखाई देने लगेंगे. प्रतिबंध पबजी और राइज ऑफ किंगडम समेत लाइव फीड की जरूरत वाले ऐप्स को प्रभावित करेगा. यूजर्स अभी भी उन ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें इस्तेमाल करने के लिए एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है. आने वाले समय में ऐप के डाउनलोड नंबर को गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर से हटा दिया जाएगा.
केंद्रीय सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट (IT Act) की धारा-69A और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग ऑफ एक्सेस ऑफ इंफॉर्मेशन बाई पब्लिक) रूल्स, 2009 के संबंधित प्रावधान विदेशी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की शक्तियां प्रदान करता है. केंद्र की ओर से कहा गया है कि इन ऐप्स के खिलाफ यूजर्स के डाटा के गलत इस्तेमाल और ऐप्स के दुरुपयोग की लगातार शिकायतें मिल रही थीं.
इन ऐप्स से देश की रक्षा, सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा था. केंद्र ने कहा कि इन ऐप्स का मोबाइल और नॉन-मोबाइल बेस्ड इंटरनेट डिवाइसेज में भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि उसे कई सोर्सेज से मिली शिकायतों में एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग की रिपोर्ट शामिल हैं. इनमें कहा गया है कि ये ऐप यूजर्स का डाटा चुराकर भारत के बाहर मौजूद सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं.
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों की ओर से इन आंकड़ों को इकट्ठा करना, इनकी जांच-पड़ताल व प्रोफाइलिंग भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है.
इसे रोकने के लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत थी. केंद्र सरकार की ओर से की गई प्रतिबंध की कार्रवाई अधिक व्यापक है. यह भारत में बड़े चीनी व्यवसायों और खुद चीन के लिए चेतावनी है.