उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की सियासी बिसात पहाड़ों पर भी बिछने लगी है. भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस अपने बागी नेताओं को वापस ला रही है, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पूरे प्रदेश में माहौल बनाने में जुटे हैं. द्वारहाट विधानसभा सीट पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. आगामी चुनाव में इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस की जोरदार टक्कर देखने को मिलेगी.
द्वारहाट अल्मोड़ा के कुमाउं पर्वत में एक छोटा सा शहर है. दूनागिरी और नाथन देवी मंदिर में प्रसिद्ध शक्ति मंदिर द्वाराहाट के दो प्रमुख आकर्षण है. शहर के विभिन्न भागों में मंदिरों की संख्या के कारण कभी-कभी कुमाऊं के खजुराहो के रूप में द्वारहाट आपको स्वर्ग की यात्रा की भावना महसूस करता है.कहा जाता है की स्वर्ग भी ऐसा ही होगा.
सियासत में आए अधिकारी बने विधायक
द्वारहाट विधानसभा सीट उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में आती है. 2017 में भारतीय जनता पार्टी से महेश सिंह नेगी ने कांग्रेस के मदन सिंह बिष्ट को 6593 मतों के अंतर से हराया था. विधायक महेश नेगी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से अच्छे ताल्लुकात हैं.
महेश नेगी को राजनीति में लाने का श्रेय कांग्रेस को ही जाता है. 2004 में जिला खेल अधिकारी के पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस के टिकट पर ही नेगी ने द्वारहाट विधानसभा से उप चुनाव लड़ा था.
लेकिन उनको जीत नहीं मिल सकी. एक बार फिर 2007 में कांग्रेस ने महेश नेगी पर दाव खेला लेकिन जीत हासिल नहीं हो पाई. इसके बाद 2010 में महेश नेगी भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने 2017 में महेश नेगी पर दांव खेला और महेश नेगी द्वारहाट से पहली बार विधायक चुने गए.
कब कौन जीता
2017 में भाजपा से मदन सिंह नेगी ने जीत दर्ज की. कांग्रेस के मदन सिंह बिष्ट को हराया. 2012 में कांग्रेस से मदन सिंह बिष्ट 14,798 मतों के साथ जीत दर्ज की. 2007 में यूकेकेडी से पुष्पेश त्रिपाठी ने 11,128 मतों के साथ भाजपा के सदानंद को हराया था.
2002 में यूकेकेडी से बिपिन चंद्र त्रिपाठी ने 11,114 मतों के साथ कांग्रेस के पूरन सिंह को हराया था. द्वारहाट विधानसभा सीट अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से भाजपा के अजय टम्टा सांसद हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 232986 से हराया था.