डिजिटल ट्रांजेक्शन में भारी बढ़ोतरी के बावजूद अब भी एटीएम (ATM) से कैश काफी मात्रा निकाला जाता है. लोग कैश रखना पसंद करते हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि एटीएम में कैश कहां से आता है और इसे पहुंचाने तक कैसे इसकी सेफ्टी की जाती है.
आपने अकसर किसी एटीएम में कैश डाले जाते हुए देखा होगा. एक बख्तरबंद जैसी वैन आती है, जिसमें 2-3 लोग एटीएम में पैसा डालते हैं और 1-2 लोग बंदूक के साथ उनके साथ सेफ्टी के लिए खड़े रहते हैं.
एटीएम वैन से कितना कैश जाएगा, इसे लेकर सरकार के नियम भी हैं. एटीएम वैन में अधिकतम 5 करोड़ रु ले जाया जा सकता है. एटीएम परिसर 24×7 इलेक्ट्रॉनिक (सीसीटीवी) के तहत निगरानी में होना चाहिए. बाकी नियम आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं.
कौन करता है सेफ्टी
अधिकतर एटीएम को अलग-अलग कंपनियां ऑपरेट करती हैं. उनमें कैश डालने से लेकर एटीएम की सेफ्टी तक की जिम्मेदारी एक एजेंसी पर होती है. एटीएम में जितना कैश डाला जाएगा बैंक केवल वो मुहैया कराते हैं. एटीएम लगाने वाली कंपनियां सेफ्टी के लिए इंश्योरेंस भी करवाती है. एटीएम लगाने वाली और उसकी सेफ्टी करने वाली एजेंसी दोनों अलग-अलग होती हैं.
एटीएम की सेफ्टी करने वाली एजेंसी एटीएम लगाने और उसे ऑपरेट वाली कंपनी के अंडर रहती है.
ये चीजे हैं जरूरी
प्रत्येक कैश वैन पर एक ड्राइवर होगा
दो सशस्त्र सुरक्षा गार्ड होंगे
दो एटीएम अधिकारी या संरक्षक तैनात होंगे
सुरक्षा कर्मियों की ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन जरूरी
ये है प्रोसेस
एटीएम मैनेज करने वाली कंपनी के पास एटीएम लगाने वाली कंपनी बैलेंस का मैसेज भेजती है. इसके आधार पर वो बैंक से पैसा लेती है और उसे एटीएम में डालती है. इस दौरान सिक्योरिटी के लिए बंदूक से लैस सिक्योरिटी गार्ड होते हैं. फिर उसी गार्ड की मौजूदगी में कैश एटीएम में डाला जाता है.