उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां शुरू हो चुकी है. उत्तराखंड की यमकेश्वर विधानसभा सीट महत्वपूर्ण सीट हैं. 2017 में यमकेश्वर सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की थी.
2022 के चुनाव में इस विधानसभा सीट का परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होगा.यह आगामी चुनाव ही बताएगा लेकिन उत्तराखंड की पहाड़ियों में सियासी हलचल शुरू हो चुकी है. भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा शुरू हो चुका है.
9 नवंबर 2000 की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं. उत्तराखंड को 27वें राज्य के रूप में भारत गणराज्य के शामिल किया गया था. वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया.
उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे उत्तराखंड की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं. पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं. हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है. उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है.
कब कौन जीता
यमकेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखण्ड के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. यमकेश्वर विधानसभा सीट से 2017 में भारतीय जनता पार्टी से रितु कंधारी भूषण ने रेणु बिष्ट को 8982 मतों के अंतर से हराया था. 2012 भाजपा के विजय बड़थ्वाल ने 13,842 मतों के साथ कांग्रेस के सरोजनी देवी को हराया था.
2007 में भारतीय जनता पार्टी से विजया बड़थ्वाल 55,907 मतों के साथ जीत दर्ज किया था. 2002 में भारतीय जनता पार्टी से विजया बड़थ्वाल ने 60,616 मतों के साथ जीत दर्ज किया था. यमकेश्वर विधानसभा सीट गढ़वाल लोकसभा के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से भाजपा के तीरथ सिंह रावत सांसद है. उन्होंने कांग्रेस के मनीष खंडूरी को 302669 से हराया था.