उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस अपनी पूरी ताकत के साथ उतरने को तैयार है. वहीं सत्ताधारी भाजपा सूबे को अपने पास रखना चाहती है. उत्तराखंड बीजेपी के हाथों से निकले इसके लिए भाजपा के दिग्गज नेताओं में लगातार मंथन बैठक और तैयारियां शुरू हो चुकी है. उत्तराखंड की लैंसडाउन विधानसभा सीट पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी.
गढ़वाल रायफल्स का गढ़
लैंसडाउन को ब्रिटिश द्वारा 1887 में बसाया गया. उस समय के वायसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर ही इसका नाम रखा गया था. वैसे, इसका वास्तविक नाम कालू डांडा है. जिसे गढ़वाली भाषा में काला पहाड़ कहा जाता है. लैंसडाउन गढ़वाल राइफल्स का गढ़ है. लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल्स से जुड़ा म्यूजियम है जो सेना से जुड़े लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. लैंसडाउन विधानसभा सीट
भगवान शिव की सिद्ध पीठ
उत्तराखंड की वादियों में बसा लैंसडाउन एक हिल स्टेशन है. लैंसडाउन एक शांत और खूबसूरत पर्यटन स्थल है. ये हिल स्टेशन समुद्र तल से लगभग 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ताड़केश्वर मंदिर भी है. यह भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है. इसे सिद्ध पीठ भी माना जाता है. यह पहाड़ पर 2092 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पूरा मंदिर ताड़ और देवदार के वृक्षों से घिरा है.
कब कौन जीता
2017 में भारतीय जनता पार्टी से दिलीप सिंह रावत ने कांग्रेस के लिए टी जनरल (एसटीडी) तेजपाल सिंह रावत को 6475 मतों के अंतर से हराया था. 2012 में भाजपा से दिलीप सिंह रावत ने 15,324 मतों से जीत दर्ज किया था. 2007 में भाजपा से अनिल नौटियाल ने 15,716 मतों के साथ दर्ज किया था. 2002 में भाजपा से अनिल नौटियाल ने जीत दर्ज किया था.
लैंसडाउन विधानसभा सीट गढ़वाल लोकसभा के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से भाजपा के तीरथ सिंह रावत सांसद है. उन्होंने कांग्रेस के मनीष खंडूरी को 302669 से हराया था.