2022 के विधानसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड के पहाड़ों पर सियासी गोट सजाई जा रही है. जीत हार का फैसला जनता के हाथ में है. लेकिन कांग्रेस सालों बाद आक्रामकता के साथ उत्तराखंड के मैदान में उतर रही है. उत्तराखंड की धारचूला विधानसभा सीट 2017 में कांग्रेस से हरीश धामी ने जीत दर्ज की थी. धारचूला विधानसभा सीट भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गई है. इस सीट पर भाजपा ने अब तक अपना खाता नहीं खोला है.
भाजपा को नहीं मिली सफलता
नेपाल और चीन की सीमा से लगी धारचूला विधानसभा की जनता ने हमेशा से अपना भरोसा कांग्रेस पर जताया है. उत्तराखंड में धारचूला एक ऐसी विधानसभा है, जहां अभी तक भाजपा को जीत नहीं मिली. स्थानीय सियासत में इसे भाजपा के अंदर की गुटबाजी बतायी जाती है. वहीं कांग्रेस के नेता कहते है की भाजपा के चाणक्य की भी कोशिश यहां जीत नहीं दिला सकी. वैसे इस विधानसभा चुनाव को लेकर यह विधानसभा सीट बेहद दिलचस्प हो गई है. भाजपा ने यहां कर्क्र्ताओं की फ़ौज उतार दी है.
कब कौन जीता
2002 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय गगन सिंह ने जीत दर्ज किया थी. 2007 में भी निर्दलीय प्रत्याशी रहे गगन सिंह ने जीते थे. 2012 में कांग्रेस से हरीश धामी ने जीत दर्ज किया था. 2014 के उपचुनाव में कांग्रेस से हरीश रावत ने जीत दर्ज किया था. 2017 में कांग्रेस से हरीश धामी ने जीत दर्ज किया था.
भाजपा के प्रयोग हुए फेल
भाजपा ने इस सीट पर हर चुनाव में नया चेहरा मैदान में उतारा. चीन और नेपाल बॉर्डर से सटी ये सीट सूबे की सबसे दुर्गम विधानसभाओं में एक है और इस बार यहां चुनाव के रण के लिए भाजपा कमर कस रही है. वहीं अपने गढ़ में टिकी कांग्रेस भी पूरी तरह उत्साहित है.
काली नदी के किनारे
धारचूला विधानसभा क्षेत्र काली नदी के किनारे घाटी में स्थित है. यह शहर एक पहाड़ी क्षेत्र है जिसका आकार स्टोव के जैसा दिखता है इसी कारण इस शहर को धारचूला कहते हैं. अगर आप पर्यटन की दृष्टि से इस शहर को देखें तो मानस झील या मनासा सरोवर इस शहर का सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं. मानसरोवर एक ताजे और मीठे पानी की झील है जो चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है.