उत्‍तराखंड

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022: बागेश्वर सीट पर मजबूत है भाजपा, लगाई है जीत की हैट्रिक

सांकेतिक फोटो

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां प्रदेश भर में दिखने लगी हैं. राजनीतिक दलों में दावेदारों की भीड़ बढ़ रही है. उत्तराखंड में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस अपनी रणनीति पर काम करती दिख रही है. बागेश्वर विधानसभा सीट पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. यहां भाजपा को तीन और कांग्रेस को एक बार जीत मिली है.

सरयू-गोमती का संगम
सरयू और गोमती नदियों के संगम स्थान पर स्थित बागेश्वर एक तीर्थ है. यहां बागेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय जनता बागनाथ या बाघनाथ के नाम से भी पुकारती है. मकर संक्रांति के दिन यहां उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा मेला लगता है. स्वतंत्रता संग्राम में भी बागेश्वर का बड़ा योगदान है. कुली-बेगार प्रथा के रजिस्टरों को सरयू की धारा में बहाकर यहां के लोगों ने अपने आंचल में गांधी जी के असहयोग आंदोलन शुरुआत 1929 ई. में की थी.

भाजपा को मिली जीत
उत्तराखंड प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है. बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में राज्य बनने के बाद हुए चारों विधानसभा चुनावों में से तीन बार भाजपा ने जीत का परचम लहराया. तो वहीं कांग्रेस ने एक बार ही जीत दर्ज की. इस सीट से भाजपा का प्रत्याशी लगातार तीन बार चुनाव में जीत दर्ज किया है.

कांग्रेस के बागी ने भाजपा से मारी हैट्रिक
बागेश्वर जिले में स्थित बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित है.यह बागेश्वर (आरक्षित) विधानसभा सीट उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में आती है. 2017 में भारतीय जनता पार्टी से चंदन राम दास ने कांग्रेस के बालकृष्ण को 14567 मतों के अंतर से हराया था. चंदन राम दास का राजनीतिक उभार 1997 में हुआ, जब वह कांग्रेस में थे. मगर कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत भी हासिल की. इसके बाद 2007 में भाजपा का दामन थाम लिया. तब से अभी तक लगातार तीन बार विधायक बन चुके हैं. भाजपा के चंदन राम दास ने जीतकर हैट्रिक लगाई.

मतदाताओं का समीकरण
बागेश्वर विधानसभा में 1,14,818 मतदाता हैं, जिनमें कुल 58390 पुरुष और 56428 महिला मतदाता हैं. जाति समीकरण के आधार पर सबसे ज्यादा समय खासकर क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या है. अनुमान के मुताबिक यहां 65 प्रतिशत वोटर ब्राह्मण और क्षत्रिय हैं बाकी 35 प्रतिशत में एससी-एसटी और ओबीसी मतदाता हैं.

कब कौन जीता
2012 में भाजपा से चंदन राम दास 23,396 मतों के साथ जीत दर्ज की. 2007 में भाजपा से चंदन राम दास 17,614 मतों के साथ जीत दर्ज की. 2002 में कांग्रेस राम प्रसाद टम्टा 12,419 मतों के साथ जीत हासिल की.

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