हरिद्वार कुंभ में इन दिनों धार्मिक बयार बह रही है. पिछले दिनों से निकल रही पेशवाई को देखने के लिए शहर भर में भारी भीड़ जमा है. कहा जाता है कि पेशवाई जब निकलती है कुंभ की रंगत आनी शुरू हो जाती है. शहर भर में साधु संत ही नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को आनंद अखाड़े की पेशवाई में तमाम साधु-संत मौजूद रहे.
वहीं सबसे ज्यादा हरिद्वार में किन्नरों की पेशवाई लोगों में आकर्षण का केंद्र रही. बता दें कि जूना अखाड़ा की पेशवाई के दौरान किन्नर अखाड़ा की पेशवाई निकाली गई. इस दौरान किन्नर समाज पढ़ा लिखा और हाईटेक भी दिखाई दिया। शहर में निकली पेशवाई के दौरान किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ऊंट की शाही सवारी करती हुई नजर आईं.
पेशवाई में अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज समेत विभिन्न महामंडलेश्वर आकर्षक ढंग से सजे हुए रथों पर सवार नजर आए. यहां हम आपको बता दें कि अखाड़ा परिषद किन्नर अखाड़े को मान्यता नहीं देता है इसलिए ही किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े के साथ ही स्नान करने का समझौता किया है. किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नाथ त्रिपाठी ने बताया ने बताया कि साल 2015 में किन्नर अखाड़ा की स्थापना की गई थी.
उन्होंने कहा कि 2016 में हमें आचार्य महामंडलेश्वर हमारे समाज के लोगों ने बनाया, 2016 का सिंहस्थ कुंभ जो 12 साल में एक बार उज्जैन में होता है, वहां हमारे सभी महामंडलेश्वर बने, तब सभी 13 अखाड़े हमारे खिलाफ थे.
प्रयागराज के कुंभ में वर्ष 2019 में किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ एक समझौता हुआ था जिसमें किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान करेगा. उसी समझौते के तहत इस बार हरिद्वार कुंभ में किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान करेगा.