पीएम मोदी को बिहार के चुनावी माहौल में निशाना बनाने की साजिश का खुलासा हुआ है. प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकियों से जुड़ी संस्था ‘जस्टिस फॉर सिख’ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा पीएम मोदी के चुनावी सभाओं सहित अन्य कार्यक्रमों के दौरान उनके खिलाफ अशोभनीय हरकत की योजना बनाई गई है, जिससे संगठन की इस हरकत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो सके.
इसकी आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गई हैं. बिहार में प्रधानमंत्री मोदी की होने वाली तमाम चुनावी जनसभाओं के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पहले से और ज्यादा मजबूत और चाक-चौबंद की जा रही है.
इसके मद्देनजर केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी की सेंट्रल यूनिट लगातार बिहार यूनिट के अधिकारियों के साथ संपर्क में है और जरूरी जानकारियों को आपस में साझा कर रही हैं.
साथ ही बिहार के स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ भी आईबी के अधिकारी तमाम इनपुट्स को आपस में साझा कर रहे हैं.
खालिस्तानी आतंकवादी और ‘जस्टिस फॉर सिख’ नाम से अभियान चलाने वाले आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू पिछले काफी समय से भारत सरकार के खिलाफ और देश के युवाओं को भड़काने के लिए देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हुए सोशल मीडिया, मेल, मैसेज के माध्यम से अपनी जहरीली सोच को फैलाने का काम कर रहा है.
पन्नू पाकिस्तान की शह पर अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर भारत के अंदर आतंकवाद को बढ़ाने और युवाओं को बरगलाने के लिए लगातार साजिश रच रहा है.
अपनी इस साजिश के तहत हाल ही में उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभाओं और भाषण के वक्त उन पर हमला करने वाले या उनके ऊपर कानूनी तरीके से अशोभनीय हरकत को अंजाम देने वाले को लाखों-करोड़ों रुपये ईनाम देने की घोषणा की है.
हालांकि जांच एजेंसियां बखूबी जानती हैं कि आतंकी पन्नू की इस घोषणा का कोई असर नहीं होने वाला है. लेकिन जारी विशेष अलर्ट के मद्देनजर सतर्कता दिखाते हुए ऐसी किसी भी घटना को होने से रोकने के लिए विशेष ऑपरेशन पर काम कर रही हैं.
प्रतिबंधित आतंकी संस्था सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ-साथ राज्यों की स्थानीय खुफिया और पुलिस भी अपनी नजरें बनाए हुए है.
आईबी के सूत्रों के मुताबिक गुरपतवंत सिंह पन्नू इस तरह की हरकत को इसलिए अंजाम देने की साजिश रच रहा है ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा हो सके और पाकिस्तान और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई उसका खूब सत्कार करे और ज्यादा से ज्यादा फंड मुहैया कराए.
बता दें कि, इससे पहले 27 अक्टूबर, 2013 को नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था. मोदी उस वक्त गुजरात के सीएम थे और एनडीए के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे.
रैली के दौरान आतंकियों ने भीड़ में एक के बाद एक कई बम विस्फोट किये थे. लेकिन बमों की तीव्रता कम होने और सुरक्षाबलों व बिहार पुलिस की सतर्कता से नरेंद्र मोदी सुरक्षित थे. यह आतंकी हमला प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी द्वारा अंजाम दिया गया था.